पटना में बीपीएससी कार्यालय के बाहर बवाल, पुलिस का लाठीचार्ज

 नॉर्मलाइजेशन का विरोध कर रहे अभ्यर्थी

 पटना। बिहार की राजधानी में बीपीएससी कार्यालय के बाहर सिविल सेवा अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। 70वीं पीटी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन और मल्टिपल सेट क्वेश्चन के विरोध में यह प्रदर्शन हुआ। अभ्यर्थियों की मांग है कि परीक्षा ‘वन डे वन शिफ्ट’ में हो। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, जिसमें कई अभ्यर्थी घायल हुए। छात्र नेता दिलीप कुमार भी घायलों में शामिल हैं। हालांकि, प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े हैं और बीपीएससी से लिखित आश्वासन चाहते हैं।
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा 13 दिसंबर को होनी है। इस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन और मल्टिपल सेट क्वेश्चन के प्रावधान का विरोध अभ्यर्थी कर रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी पटना स्थित बीपीएससी कार्यालय के बाहर जमा हुए और प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन और मल्टिपल सेट क्वेश्चन से परीक्षा का स्तर अलग-अलग हो जाता है। इससे उन अभ्यर्थियों को नुकसान होता है जिनका पेपर कठिन शिफ्ट में आता है। इसलिए वे चाहते हैं कि परीक्षा सिर्फ एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाए, जिसे ‘वन डे वन शिफ्ट’ सिस्टम कहा जाता है।
प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थियों ने नारेबाजी की और बीपीएससी से अपनी मांगों पर विचार करने का आग्रह किया। हालांकि, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। इस लाठीचार्ज में छात्र नेता दिलीप कुमार समेत कई अभ्यर्थी घायल हो गए। बताया जा रहा है कि कुछ प्रदर्शनकारियों को गंभीर चोटें भी आई हैं।
पुलिस के इस कदम से प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और भड़क गया। उन्होंने कहा कि जब तक बीपीएससी की ओर से उन्हें नॉर्मलाइजेशन और मल्टिपल सेट का प्रावधान हटाने का लिखित आश्वासन नहीं दिया जाता, तब तक वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। सैकड़ों अभ्यर्थी बेली रोड पर जमे रहे और बीपीएससी के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।
छात्र नेता दिलीप कुमार के नेतृत्व में यह प्रदर्शन पूर्व नियोजित था। दिलीप कुमार ने प्रदर्शन स्थल पर अपने साथियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम लोगों में से कई लोग प्रशासनिक पदाधिकारी हैं और आगे भी अधिकारी बनने वाले हैं। इसलिए हमें उग्र नहीं होना है और सड़क जाम नहीं करना है। उन्होंने कहा कि चार-पांच लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल आयोग के अध्यक्ष से बात करेगा, जबकि बाकी लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे।
लेकिन पुलिस ने अचानक दिलीप कुमार समेत कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया और उन पर लाठियां बरसाईं। इस कार्रवाई के बाद प्रदर्शनकारियों में भगदड़ मच गई और कई लोग गिरकर घायल हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ प्रदर्शनकारियों के सिर में चोटें आई हैं और कुछ के हाथ टूट गए हैं। बावजूद इसके, प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और बेली रोड पर धरने पर बैठे हैं। वे बीपीएससी और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और पुलिस की कार्रवाई की निंदा कर रहे हैं।

  • Related Posts

    युद्ध नहीं, बुद्ध चाहिए

    कश्मीर व आतंकवाद का हल है भारत व…

    Continue reading
    राष्ट्र धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है: सुशील पांडेय

    मोतिहारी / राजन द्विवेदी। रविवार को स्थानीय महर्षिनगर…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    कोहली का टेस्ट संन्यास : क्रिकेट के सबसे महान अध्यायों में से एक

    • By TN15
    • May 12, 2025
    कोहली का टेस्ट संन्यास : क्रिकेट के सबसे महान अध्यायों में से एक

    किसी भी सूरत में आतंकवाद को नहीं किया जाएगा सहन : मंत्री रणबीर गंगवा

    • By TN15
    • May 12, 2025
    किसी भी सूरत में आतंकवाद को नहीं किया जाएगा सहन : मंत्री रणबीर गंगवा

    निर्माणाधीन करनाल रिंग रोड पर इंटर चेंज मार्ग बनाये जाने की मांग को लेकर डी सी को सौंपा ज्ञापन

    • By TN15
    • May 12, 2025
    निर्माणाधीन करनाल रिंग रोड पर इंटर चेंज मार्ग बनाये जाने की मांग को लेकर डी सी को सौंपा ज्ञापन

    सीजेएम इरम हसन ने सेफ हाऊस का किया निरीक्षण, सुविधाओं का लिया जायजा

    • By TN15
    • May 12, 2025
    सीजेएम इरम हसन ने सेफ हाऊस का किया निरीक्षण, सुविधाओं का लिया जायजा

    भारत विकास परिषद् सूरज शाखा करनाल की वर्ष 2025-2026 संवत् 2082 की नई कार्यकारिणी का दायित्व ग्रहण समारोह करनाल क्लब में विधिवत रूप से सम्पन्न

    • By TN15
    • May 12, 2025
    भारत विकास परिषद् सूरज शाखा करनाल की वर्ष 2025-2026 संवत् 2082 की नई कार्यकारिणी का दायित्व ग्रहण समारोह करनाल क्लब में विधिवत रूप से सम्पन्न

    युद्ध नहीं, बुद्ध चाहिए

    • By TN15
    • May 12, 2025
    युद्ध नहीं, बुद्ध चाहिए