बिहार चुनाव में राजद का मास्टरस्ट्रोक!

-एमवाई से पीडीए फॉर्मूला
-लालू की नई रणनीति से हिली सियासत

दीपक कुमार तिवारी

पटना। विधानसभा चुनाव के लिए हर दल और गठबंधन अपनी रणनीति बनाने में जोर-शोर से जुटे हुए हैं। एनडीए 220 सीटों पर जीत के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है तो महागठबंधन में कांग्रेस से अनबन के बावजूद इस बार किला फतह करने की तैयारी है। जातीय समीकरण बिठाए जा रहे हैं। दलीय गठजोड़ की कोशिशें हो रही हैं। वर्ष 2005 के बाद जिन बाहुबलियों का ठिकाना जेलें बन गई थीं, वे भी इस बार ताल ठोकते नजर आएंगे। महागठबंधन और एनडीए इस जुगत में लगे हुए हैं। बहरहाल, यहां हम बात महागठबंधन के अगुआ दल आरजेडी की बत करेंगे।
लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक को लेकर पीडीए फॉर्मूला बनाया था। उनका वह फॉर्मूला कामयाब कारगर रहा। आरजेडी में भी इस बार मंथन हो रहा है कि अब सवर्णों पर दांव लगाने के बजाय पीडीए जैसा ही बिहार में भी फॉर्मूला बनाया जाना चाहिए।
लालू यादव के जमाने में बना मुस्लिम-यादव (एम-वाई) समीकरण और तेजस्वी यादव की ए टू जेड की पार्टी आरजेडी को बनाने से ज्यादा असरदार पीडीए फॉर्मूला ही है। इसे ध्यान में रख कर लालू यादव नए जातीय समीकरण पर काम करने लगे हैं।
आरजेडी ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक नायाब प्रयोग किया। पहली बार पार्टी ने कुशवाहा बिरादरी के नेताओं पर दांव लगाया और उनमें अभय कुशवाहा जीत भी गए। यह तब हुआ, जब एनडीए के साथ कुशवाहा समाज के दो दिग्गज नेता लगे हुए थे। आरएलएम के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा अपनी सीट नहीं बचा सके तो डेप्युटी सीएम सम्राट चौधरी भी कोई करिश्मा नहीं दिखा सके थे।
कुशवाहा समाज में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए लालू ने अभय कुशवाहा को लोकसभा में आरजेडी संसदीय दल का नेता बना दिया। लालू की राजनीति परिवारवादी रही है, इसमें किसी को शक नहीं। लेकिन अपनी बेटी मीसा भारती की बजाय लालू ने अगर अभय कुशवाहा को संसदीय दल का नेता बनाया तो इसके पीछे विधानसभा चुनाव में कुशवाहा वोटरों को आकर्षित करना ही उनका मकसद था।
अति पिछड़ी जातियां 2005 से जेडीयू का वोटर बनी हुई हैं। इसमें सेंध लगाने के लिए लालू ने पहले बीमा भारती को जेडीयू से तोड़ा। उन्हें अपने स्वजातीय पप्पू यादव के खिलाफ पूर्णिया से लोगसभा का उम्मीदवार भी बनाया। बीमा को लालू-तेजस्वी ने न सिर्फ उम्मीदवार बनाया, बल्कि उनके लिए लिए तेजस्वी ने पप्पू से पंगा भी ले लिया। यह अलग बात है कि बीमा भारती पर पप्पू यादव भारी पड़ गए।
इसी तरह ईबीसी वोट के लिए लालू ने वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को साथ जोड़ा। इसके लिए आरजेडी ने अपनी सीटों में कटौती कर दी। तीन सीटें आरजेडी ने अपने कोटे से काट कर मुकेश सहनी को दी। लालू की रणनीति थी कि जीत गए तो अति उत्तम और हार गए तो कम से कम विधानसभा चुनाव में तो सहनी के साथ से ताकत तो मिलेगी ही।
आरएलजेपी के अध्यक्ष पशुपति पारस का भी अब आरजेडी के साथ जाना पक्का माना जा रहा है। पारस के दही-चूड़ा भोज में लालू यादव के शामिल होने से इसकी उम्मीद बढ़ गई है। वैसे भी एनडीए में रह कर पारस लगातार उपेक्षा ही झेलते रहे हैं। पहले मंत्री पद गया और बाद में लोकसभा चुनाव में आरएलजेपी को भाजपा ने सझीदार बनाना मुनासिब नहीं समझा।
यह सही है कि पारस के पास न सांसद हैं और न विधायक, लेकिन राम विलास पासवान के भाई का सनद उनके साथ है। राम विलास पासवान के रहते बिहार में पार्टी का पूरा दारोमदार पारस पर ही था। इसलिए अविभाजित एलजेपी के कुछ वोटर तो उनका साथ देंगे ही। यही सोच कर लालू ने उन्हें भी अपने साथ लेने की रणनीति बनाई है।
लालू के पास सवर्ण नेताओं की कमी है। वैसे भी सवर्ण वोटर एनडीए की ओर ही हमेशा रहते हैं। इसलिए आरजेडी सवर्ण नेताओं को टोकन के तौर पर इस्तेमाल करने की तैयारी में है। यानी उनकी आरजेडी में मौजूदगी नाम के लिए रखी जाएगी। विधानसभा उपचुनाव में जगदानंद सिंह के बेटे की हार ने आरजेडी की इस धारणा को और पुख्ता कर दिया है कि सवर्णों पर अब दांव लगाना ठीक नहीं। इस बार विधानसभा चुनाव में लालू एक-एक कदम फूंक कर चलने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

  • Related Posts

    नौकरी के नाम पर गरीबों की जमीन अपने नाम लिखवा ली लालू प्रसाद ने : मोदी 

    प्रधानमंत्री ने काराकाट के विक्रमगंज में लालू के…

    Continue reading
    मजबूत नेता मज़बूत बूथ से बनता है : डा. लाखन सिंह पाल

      छपरौली -(बागपत) समाजवादी पार्टी के प्रभारी डा.…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    किरतपुर में बिजली अच्छी आने से जनता में खुशी की लहर

    • By TN15
    • May 30, 2025
    किरतपुर में बिजली अच्छी आने से जनता में खुशी की लहर

    अवैध गतिविधियों पर चला प्राधिकरण का डंडा

    • By TN15
    • May 30, 2025
    अवैध गतिविधियों पर चला प्राधिकरण का डंडा

    पीएम से मिले शुभम द्विवेदी के परिजन 

    • By TN15
    • May 30, 2025
    पीएम से मिले शुभम द्विवेदी के परिजन 

    100 दिन – उत्सव नहीं, आत्ममंथन का समय

    • By TN15
    • May 30, 2025
    100 दिन – उत्सव नहीं, आत्ममंथन का समय

    सुरवीन चावला ने साझा किया दर्दनाक वाकया, डायरेटर ने की थी किस करने की कोशिश!

    • By TN15
    • May 30, 2025
    सुरवीन चावला ने साझा किया दर्दनाक वाकया, डायरेटर ने की थी किस करने की कोशिश!

    रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को दी कड़ी चेतावनी!

    • By TN15
    • May 30, 2025
    रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को दी कड़ी चेतावनी!