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आंखों पर काली पट्टी बांधकर विधानसभा पहुंचे राजद विधायक

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 नीतीश के सुशासन राज पर किया हमला

पटना। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन महुआ विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विधायक मुकेश रौशन ने अपनी अनोखी विरोध शैली से सबका ध्यान खींचा। वे आंखों पर काली पट्टी बांधकर और हाथ में तख्ती लेकर सदन पहुंचे। इस तख्ती पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की स्केच के साथ लिखा था, *”मैं सुशासन बाबू हूं, मैं अंधा हो गया हूं। मुझे कुछ नहीं दिखता। विधायक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें न राज्य में बढ़ता अपराध दिखाई दे रहा है, न ही भ्रष्टाचार के मामले। उन्होंने आरोप लगाया कि “सुशासन” का दावा करने वाले मुख्यमंत्री असल मुद्दों को अनदेखा कर रहे हैं।
पत्रकारों से बात करते हुए मुकेश रौशन ने राज्य में कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार की स्थिति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “बिहार में घोटालों और अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। हर दिन नई आपराधिक घटनाएं हो रही हैं, लेकिन मुख्यमंत्री इनसे बेखबर हैं। यह सरकार ‘सुशासन’ का दावा तो करती है, लेकिन असल में ये अंधी हो चुकी है। आरजेडी विधायक ने खास तौर पर यह कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने सरकार की निष्क्रियता को लेकर कड़ी आलोचना की।
महुआ विधानसभा क्षेत्र से 2020 में पहली बार विधायक चुने गए मुकेश रौशन राष्ट्रीय जनता दल के युवा और उभरते नेताओं में से एक हैं। उन्हें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का करीबी माना जाता है। मुकेश रौशन अपनी तेजतर्रार और मुखर शैली के लिए जाने जाते हैं। उनका यह विरोध प्रदर्शन उनकी आक्रामक राजनीतिक शैली का एक और उदाहरण है।
विधानसभा का शीतकालीन सत्र पहले ही दिन से हंगामेदार रहा है। मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शराबबंदी और आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को घेरा था। उन्होंने सरकार पर शराबबंदी में घोटाले और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सवाल किया था कि “शराबबंदी लागू है तो जहरीली शराब से मौतें क्यों हो रही हैं? आज के सत्र में भी वक्फ संशोधन विधेयक और स्मार्ट मीटर जैसे मुद्दों पर विपक्ष का रुख सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
सरकार द्वारा पेश किए गए वक्फ संशोधन विधेयक और स्मार्ट मीटर के मुद्दे पर विपक्ष ने पहले ही कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विपक्ष का आरोप है कि ये नीतियां जनविरोधी हैं और इन्हें लागू करने में पारदर्शिता की कमी है। विपक्ष का यह भी कहना है कि स्मार्ट मीटर लगाने से आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा, जबकि वक्फ बोर्ड के संशोधन विधेयक को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय में असंतोष है।
आरजेडी विधायक और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्ष नीतीश सरकार की नीतियों और प्रशासनिक ढिलाई को लेकर आक्रामक रुख अपनाए हुए है। जहरीली शराब से मौतों के मामलों ने सरकार की शराबबंदी नीति की साख पर सवाल खड़े किए हैं। अपराध की बढ़ती घटनाएं और पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर भी विपक्ष सरकार पर हमलावर है। सरकारी योजनाओं और विभागों में भ्रष्टाचार के आरोपों ने भी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। आरजेडी विधायक मुकेश रौशन का यह अनोखा विरोध प्रदर्शन केवल एक प्रतीकात्मक कदम नहीं है, बल्कि यह नीतीश कुमार के सुशासन के दावे पर सीधा सवाल है। उनके इस कदम ने विधानसभा और राज्य की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। शीतकालीन सत्र के दौरान जिस तरह से विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा है, उससे यह साफ है कि आने वाले दिनों में नीतीश सरकार को जवाबदेही के सवालों से जूझना पड़ेगा। “सुशासन” का दावा करने वाली सरकार के लिए यह सत्र बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।