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किसानों की समस्याओं पर सकारात्मक सोच के साथ चल रही अनुसंधान: कुलसचिव विगत डेढ़ वर्षों में प्रदान किया गया 11 से अधिक पेटेंट

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सुभाषचंद्र कुमार

समस्तीपुर पूसा डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में शोध पत्र लेखन और साइटेशन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर और कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बोलते हुए कुलसचिव डा मृत्युंजय कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय कुलपति डॉ पी एस पांडेय के नेतृत्व में तेजी से प्रगति कर रहा है।

 

पिछले डेढ़ वर्ष में ग्यारह से अधिक पेटेंट प्रदान किया जाना इसका एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अनुसंधान किसान की समस्याओं को ध्यान में रख कर अब किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को कई बार शोध पत्र लेखन और प्रकाशन में समस्या होती है इसी को ध्यान में रख कर कुलपति के निर्देश पर इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। विषय विशेषज्ञ के रूप में बोलते हुए डॉ अरूणा टी कुमार, पूर्व मुख्य संपादक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने कहा कि शोध पत्र लेखन एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है ‌ ।

उन्होंने शोध पत्र लेखन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद बैंगलुरू के प्रधान वैज्ञानिक डॉ श्रीधर गुटम ने वैज्ञानिकों को साइटेशन बढाने के लिए विभिन्न तकनीकी और इलेक्ट्रॉनिक सुझाव दिए। आनलाइन माध्यम से जुड़े चेन्नई कृषि विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ जी रत्निनासभापति ने कहा कि शोध पत्र का एक खास फार्मेट होता है जिसका हम सबको ध्यान रखना चाहिए। निदेशक शोध डॉ ए के सिंह ने विश्वविद्यालय में चल रहे विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा इन सभी अनुसंधान परियोजनाओं के परिणामों को अच्छे शोध पत्रिका में प्रकाशित किये जाने की जरूरत है।

निदेशक शिक्षा डा उमाकांत बेहरा ने शोध और शिक्षा के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि आज के इस कार्यशाला से न सिर्फ अनुसंधान को गति मिलेगी बल्कि शिक्षा के गुणवत्ता में भी सुधार होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा और शोध एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। विश्वविद्यालय पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ राकेश मणि शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय समय समय पर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा ताकि शिक्षकों, छात्रों और वैज्ञानिकों का क्षमता वर्धन होता रहे। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन डॉ मीनाक्षी ने किया। कार्यक्रम के दौरान डीन बेसिक साइंस डॉ अमरेश चंद्रा, डीन पीजीसीेए डॉ मयंक कुमार, निदेशक प्रसार शिक्षा डा एम एस कुंडू, डॉ मुकेश कुमार, सूचना पदाधिकारी डॉ कुमार राज्यवर्धन, पुस्तकालय सहायक मनीष कुमार समेत विभिन्न वैज्ञानिक शिक्षक एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।