Ram Navami Violence: भगवान राम के जन्मोत्सव को यूं तो देशभर में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है, जगह-जगह शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं। इस साल राम नवमी 30 मार्च को मनाई गई। इस शुभ दिन पर देशभर में कई जगह हिंसा की घटनाओं के साथ प्रशासन की नाकामी देखने को मिली। रामनवमी पर महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर-जलगांव, गुजरात के बडोदरा, पश्चिम बंगाल के हावड़ा-इस्लामपुर, लखनऊ और बिहार के सासाराम, बिहार शरीफ में भारी बवाल हुआ। इस दिन कई जगह हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुई। जहां राज्य सरकार को पुख्ता इंतज़ाम करने चाहिए थे ताकि राम भक्त त्यौहार अच्छे से मना पाए, वहीं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी दंगाईयों को आड़े हाथो लेने की बजाए, पीड़ितो को नसीहत देती नज़र आई।
बंगाल में हुई हिंसा
पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रामनवमी पर्व पर निकाली गई शोभायात्रा पर उपद्रवियों ने पथराव और आगजनी की। सड़क पर खड़े वाहन फूंक दिए, दर्जनों गाड़ियों को जला दिया गया। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक जिस वक्त उपद्रव हो रहा था पुलिस के जवान वहां मौजूद थे लेकिन शिकायत करने के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया । आरोप ये भी है कि हावड़ा में रामनवमी पर शोभा यात्रा के दौरान सड़क किनारे बने घरों से पथराव किया गया। साथ ही बांकुरा में जुलूस रोकने पर भी हंगामा हुआ। वहीं अंतत: जब पुलिस जागी तो हिंसा पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अबतक 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
CM ममता बनर्जी के बिगड़े बोल
इस हिंसा पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हावड़ा हिंसा पर राज्य प्रशासन की नकामी पर भी विपक्ष को घेरा है। उन्होंने एक तरह से हिंसा पीड़ितों पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि सुना है हावड़ा में दंगा हो गया। मेरी आंख और कान खुले हैं। रोजा के समय मुस्लिम कोई गलत काम नहीं करते हैं। हिंसा में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। मैं दंगा फैलाने वालों का समर्थन नहीं करती ऐसे लोग देश के दुश्मन हैं।
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गुजरात के वडोदरा में पथराव
गुजरात के वडोदरा के फतेपुरा में रामनवमी की शोभा यात्रा पर पथराव के बाद इलाके में हिंसा भड़की। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक उपद्रवियों ने निकली शोभायात्रा पर पत्थर फेंकने शुरू किए, जिसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस के मुताबिक एक मस्जिद के सामने दो पक्षों में टकराव हुआ और बवाल हो गया। हालांकि कुछ समय में पुलिस ने एक्शन लेते हुए उपद्रवियों की धरपकड़ शुरू कर दी। देर रात तक उपद्रवियों की धर पकड़ जारी रही और स्थिति पर नियंत्रण पाया गया। अब तक 20 से ज़्यादा उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
महाराष्ट्र के संभाजीनगर में हिंसक झड़प
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जो की पहले औरंगाबाद हुआ करता था, उसके किराडपुरा इलाके में दो गुटों के बीच झड़प हुई थी। बताया गया कि हिंसा तब हुई जब एक तरफ शोभा यात्रा निकल रही थी और दूसरी तरफ रमजान के महीने में लोगों का भारी हुजूम खड़ा था। दोनों गुट जब आमने सामने हुए तो हिंसा शुरु हुई। पुलिस ने भीड़ को काबू में करने कि लिए लोगों को खदेड़ने के लिए हल्का बल प्रयोग किया, जिससे भीड़ तितर बितर हो गई।
लखनऊ में भी हुई हिंसा
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जानकीपुरम में रामनवमी के मौके पर डीजे बजाने को लेकर दो गुटों के बीच विवाद हो गया। दरअसल, जानकीपुरम के मनिया गांव के पास शोभा यात्रा निकाली जा रही थी, शोभयात्रा में तेज आवाज में डीजे भी बजाया जा रहा था, यात्रा जैसे ही मस्जिद के पास पहुंची तो वहां लोगो ने डीजे बंद करने के लिए कहा और डीजे बंद कर भी दिया गया, लेकिन इसके बावजूद कुछ मिनटों में हाथापाई और पथराव शुरू हो गया। वहीं मामले की सूचना फौरन पुलिस पहुंची और उपद्रव करने वाले लोगों को हिरासत में ले लिया गया।
बिहार के सासाराम और बिहार शरीफ में रामनवमी के जुलूस में हुई हिंसा
बिहार में रामनवमी के मौके पर सासाराम और बिहार शरीफ में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई है। दरअसल, शोभा यात्रा के दौरान दो पक्षों के बीच जमकर पथराव हुआ, और आगजनी हुई। जिसके बाद इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई, साथ ही इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक दोनों जगहों पर 26 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। इसी बीत गृह मंत्री अमित शाह का सासाराम का दौरा भी पद्द कर दिया गया है। BJP प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बताया कि अमित शाह केवल नवादा की जनसभा को संबोधित करेंगे।
देश में बढ़ती साम्प्रदायिक हिंसा मानो रुकने का नाम ही नही ले रही। बढ़े-बढ़े त्यौहारों पर हिंसा मानो आम बात होती जा रही है देश में। आपसी भाईचारा अब केवल बातों में ही रह गया है। और एसे मौकों पर प्रशासन की जवाबदेही की जगह नाकामी देखने को मिल रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ही भड़काउ बयान देकर एक विशेष समुदाय को favour करते हुए नज़र आए तो ऐसे में, बाकी समाज के लोगों की आज़ादी का क्या? अब इस पूरे मामले में आपका क्या कहना है हमें ज़रुर बताएं, क्या आपसी भाईचारा देश में बचा ही नही है, और क्या प्रशासन इन मामलों में नाकाम दिख रहा है? बाकी तमाम खबरों से रुबरु रहने के लिए आप बने रहिए The News15 के साथ।