बांग्लादेश का ‘बाबू’ बना बिहार में राजवीर धर

 बौद्ध भिक्षु बनकर गया को बनाया था ठिकाना

 गया। बिहार के गया एयरपोर्ट पर एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया गया है। यह शख्स पिछले 10 साल से बौद्ध भिक्षु के रूप में गया में छिपकर रह रहा था। जर्मनी जाने के लिए गया एयरपोर्ट पहुंचा तो इमिग्रेशन अधिकारियों को उसके पासपोर्ट पर शक हुआ। पूछताछ में सारा भंडाफोड़ हो गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह मामला फर्जी पहचान पत्र और अवैध रूप से भारत में रहने का है। इससे पहले कुछ पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों को कर्नाटक से गिरफ्तार किया गया था।
गया के मियां बिगहा में रह रहे इस बांग्लादेशी नागरिक की पहचान बाबू जॉय बरुआ उर्फ राजीव धर के रूप में हुई है। असली नाम राजीव धर है, लेकिन बिहार में वह राजवीर धर के नाम से रह रहा था। उसने फर्जी तरीके से पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज भी बनवा लिए थे।
मगध मेडिकल थानाध्यक्ष कृष्ण कुमार ने बताया कि बांग्लादेशी नागरिक को अवैध रूप से रहने और फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसे अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह बांग्लादेश के कॉक्स बाजार का रहने वाला है। पिछले 10 साल से बोधगया में राजवीर धर नाम से रह रहा था। इस दौरान उसने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके अपनी पहचान छुपाई।
यह पहला मामला नहीं है जब बिहार में कोई बांग्लादेशी नागरिक फर्जी दस्तावेजों के साथ पकड़ा गया है। कुछ दिन पहले ही अररिया में भी एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया गया था। वह पिछले 10 साल से बिहार में रह रहा था और उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शादी भी कर ली थी।
इन घटनाओं से साफ है कि बांग्लादेशी नागरिक फर्जी दस्तावेजों के जरिए आसानी से भारत में घुसपैठ कर लेते हैं। वे अपनी पहचान छिपाकर यहां रहते हैं और कई बार गैरकानूनी गतिविधियों में भी शामिल पाए जाते हैं।
वहीं, अक्टूबर में बंगलूरू पुलिस ने एक पाकिस्तानी नागरिक को उसकी पत्नी और दो अन्य के साथ गिरफ्तार किया था। ये परिवार पिछले छह साल से फर्जी नाम और दस्तावेज के साथ बंगलूरू अवैध तरीके से रह रहा था। प्राथमिक जांच के मुताबिक उस व्यक्ति की पत्नी बांग्लादेश की है और दोनों की शादी ढाका में हुई थी।
गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान पाकिस्तान के कराची निवासी राशिद अली सिद्दीकी उर्फ शंकर शर्मा, पाकिस्तान के लाहौर निवासी आयशा उर्फ आशा रानी, लाहौर निवासी हनीफ मोहम्मद उर्फ रामबाबू शर्मा और लाहौर निवासी रुबीना उर्फ रानी शर्मा के रूप में हुई थी।

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