भले ही छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई मारा मारी न हुई हो भले ही मध्य प्रदेश में कोई विरोध देखने को न मिला हो पर राजस्थान में भाजपा के लिए स्थिति सामान्य नहीं थी। राजस्थान में धौलपुर की रानी के नाम से जाने वाली पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हर कीमत पर खुद को मुख्यमंत्री बनवाने के लिए बेकरार थीं। वसुंधरा राजे को मनाने के लिए विशेष रूप से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को राजस्थान भेजा गया था। इसमें दो राय नहीं कि राजनाथ सिंह को वसुंधरा राजे को मनाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो राजस्थान मुख्यमंत्री पद के लिए केंद्रीय नेतृत्व की ओर से सुनील बंसल का मान भेजा गया था। जब पर्यवेक्षक के रूप में जयपुर पहुंचे राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे को सुनील बंसल के नाम पर मनाने की कोशिश की तो वह भड़क गईं और उन्होंने बगावत तक की धमकी दे डाली। राजनाथ सिंह ने दिल्ली संपर्क साधा तो भजन लाल शर्मा के नाम का प्रस्ताव आया। भजन लाल शर्मा के नाम पर वसुंधरा राजे को मना लिया गया। दरअसल भजन लाल शर्मा को आगे बढ़ाने वाली वसुंधरा राजे ही हैं। राजस्थान की कार्यकारिणी में भजन लाल शर्मा महामंत्री वसुंधरा राजे की वजह से माने जाते हैं।
दरअसल वसुंधरा राजे का मुख्यमंत्री बनने के लिए अति उतावलापन देखा गया। 3 दिसम्बर को मतगणना थी कि उससे पहले ही वसुंधरा राजे राज्यपाल कलराज मिश्र से मिल ली। मतगणना के बाद पहले 25 विधायकों के उनके संपर्क में आने की बात सामने आई तो उसके बाद 60 विधायकों के उनके संपर्क में आने का दावा किया गया। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने इसे वसुंधरा राजे के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा। वसुंधरा राजे के इस शक्ति प्रदर्शन से केंद्रीय नेतृत्व में नाराजगी देखी गई। यह नाराजगी उस समय उजागर हुई जब वसुंधरा राजे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने दिल्ली आईं तो जेपी नड्डा ने उन्हें दो घंटे बैठाकर रखा।
वसुंधरा राजे को केंद्रीय नेतृत्व की नाराजगी से अवगत करा दिया गया। यही सब वजह रही कि वसुंधरा राजे को अहसास हो गया कि उनको मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा रहा है। इसी बीच यह भी खबर आई कि उन्होंने जेपी नड्डा को फोन कर एक साल के लिए मुख्यमंत्री बनाने का भी अनुरोध किया। जेपी नड्डा की ओर से उनको हिदायत दे दी गई कि वह विधायकों से न मिलें। इस बीच वसुंधरा राजे के कांग्रेस के संपर्क में आने की बात भी सामने आई। खबरें तो यहां तक चली कि यदि वसुंधरा राजे विधायक तोड़ लेती हैं तो बीजेपी कांग्रेस में तोड़ कर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना सकती है। कुल मिलाकर बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को पर्यवेक्षक बनाकर राजस्थान का मामला सुलझाने के लिए भेजना पड़ा। जानकारी के अनुसार राजनाथ सिंह ने जयपुर पहुंचकर वसुंधरा राजे को मनाया और सुनील बंसल को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही। बताया जा रहा है कि सुनील बंसल के नाम पर वसुंधरा राजे भड़क गईं। बाद में केंद्रीय नेतृत्व से बात कर भजन लाल शर्मा के नाम पर सहमति बनी।