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संस्थान को आगे ले जाने के लिए गुणवत्ता मंहगी नहीं : पियूष गोयल

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द न्यूज़ 15

नई दिल्ली। केन्द्रीय उपभोक्ता मामले में, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के 75 वर्ष पूरा होने के अवसर पर कहा है कि इस संस्थान को आगे ले जाने के लिए गुणवत्ता मंहगी नहीं है, बल्कि लागत प्रभावी है।

गोयल ने गुरूवार रात को एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस संस्थान के कर्मचारियों को बधाई दी और इसके विकास के लिए पांच सूत्र भी बताए कि किस प्रकार यह संस्थान प्रगति की राह पर जा सकता है।

उन्होंने कहा कि इस संस्थान को वैश्विक स्तर का संगठन बनाने के लिए पहले हमें अवरोधक के बजाए एक मध्यस्थ के तौर पर काम करना चाहिए तथा दूसरे स्थान पर विश्व में जो भी नए अनुभव है उनसे सीख लेकर उन मानकों को आत्मसात करना है। हमें विश्व को दिखाना है कि हम किस प्रकार बेहतर है।

उन्होंने कहा कि तीसरा मंत्र है कि हमें अपने देश की प्रयोगशालाओं की सत्यापन क्षमता की आवश्यकताओं में व्याप्त कमियों का विश्लेषण करना तथा भारत में उच्च गुणवत्ता वाली प्रयोगशालाओं की स्थापना करना है।

श्री गोयल ने कहा कि चौथा मंत्र यह है कि गुणवत्ता से मंहगा कुछ भी नहीं है या मानक क्रांति समय की जरूरत है। एक राष्ट्र ,एक मानक अपनाने से यह इस दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होगा और सबसे अंतिम तथा पांचवा मंत्र यह है कि इस संस्थान की प्रगति के लिए गुणवत्ता मंहगी नहीं है,बल्कि लागत प्रभावी है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से पहले तीन एस की अवधारणा प्रस्तुत की थी और ये हैं :स्पीड, स्किल और स्केल। अब इन्हें चार एस में बदलने का समय आ गया है और ये स्पीड, स्किल, स्केल तथा स्टेंडर्ड हैं।

उन्होंने इसे एक मिशन के तौर पर लेने का आह्वान करते हुए कहा कि जब 135 करोड़ भारतीय गुणवत्ता की मांग करेंगे तो आर्थिक गतिविधि में हर सहभागी इसे उपलब्ध कराएगा तथा यह अपने आप ही बोलेगी।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार एक राष्ट्र, एक मानक को स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है औैर यह कुशलतापूर्वक काम करते हुए किया जाना जरूरी है क्योंकि हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अन्य संस्थाओं से भी जुड़े हैं।