10 दिन में बहाल न हुआ तो अर्जुन अवार्ड लौटाने की चेतावनी
पहलवानों के आंदोलन ने दिलचस्प रूप धारण कर लिया है। भारतीय कुश्ती महासंघ के खिलाफ होने वाला आंदोलन अब आंदोलन का नेतृत्व करने वाले पहलवानों के खिलाफ शुरू हो गया है। इन पहलवानों के खिलाफ आंदोलन कर रहे जूनियर पहलवानों का आरोप है कि साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया की वजह से कुश्ती महासंघ निलंबित किया गया है, कुश्ती महासंघ के निलंबन की वजह से उनका एक साल ख़राब होने जा रहा है। जूनियर पहलवानों का यह धरना दिल्ली जंतर मंतर पर किया गया। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने चेतावनी दी है कि कुश्ती महासंघ का निलंबन दस दिन में वापस नहीं हुआ तो वो अपना अर्जुन अवॉर्ड जैसे पुरस्कार वापस कर देंगे।
जूनियर पहलवानों ने कहा कि डब्ल्यूएफआई के निलंबन से उनका एक साल खराब हो रहा है। इन पहलवानों ने इसके लिए बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर प्रदर्शन करने वालों में मुख्य चेहरा रहे दिग्गज पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को जिम्मेदार ठहराया।
दरअसल हाल ही में डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पद पर बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह को चुना गया था। इसको लेकर पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने मोर्चा खोल दिया था। फिर संजय सिंह के चुने जाने के तुरंत बाद राष्ट्रीय अंडर 15 और अंडर 20 चैंपियनशिप कराने का फैसला किया गया गया। इसके बाद खेल मंत्रालय ने महासंघ को निलंबित कर दिया और ये टूर्नामेंट भी रद्द हो गया। देखने की बात यह भी है कि इसी बीच संजय सिंह ने यह भी कहा कि जूनियर चैम्पियनशिप होकर रहेगी। उधर मुजफ्फरनगर स्टेडियम के कोच प्रदीप कुमार ने कहा कि एक तरफ सिर्फ तीन पहलवान हैं और दूसरी तरफ लाखों पहलवान हैं। उन्होंने देश के लाखों पहलवानों का कैरियर खराब कर दिया। प्रदीप ने कहा ,‘‘वे कहते आ रहे हैं कि उनकी लड़ाई महिला और जूनियर पहलवानों के लिये है लेकिन उन्होंने लाखों पहलवानों का करियर बर्बाद कर दिया। उनका प्रदर्शन डब्ल्यूएफआई में शीर्ष पद पाने के लिए हैं. एक बार ऐसा होने पर उनका सारा प्रदर्शन बंद हो जायेगा.’’
आर्य समाज अखाड़े के विवेक मलिक ने कहा, ‘’इन जूनियर पहलवानों का पूरा एक साल खराब हो गया। नये डब्ल्यूएफआई ने इन पहलवानों के भले के लिये फैसला लिया था जो जिला या प्रदेश स्तर की स्पर्धा भी नहीं खेल सके हैं.’’
दिग्गज पहलवानों ने क्या किया?
भारतीय कुश्ती महासंघ का चीफ संजय सिंह के चुने जाने के बाद पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान किया था। वहीं विनेश फोगाट ने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस करने की घोषणा की है। इसके अलावा बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी को लेटर लिखते हुए पद्मश्री वापस करने को कहा था. पूनिया जब पद्मश्री को पीएम मोदी से मिलकर उन्हें लौटाने जा रहे थे तो उन्हें पुलिस ने रोक लिया था. इसके बाद पूनिया ने फुटपाथ पर पद्मश्री छोड़ दिया था।
ऐसे में प्रश्न उठता है कि कुश्ती महासंघ को तो खेल मंत्रालय ने निलंबित किया है। तो फिर जूनियर पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट के खिलाफ प्रोटेस्ट क्यों कर रहे हैं ? दरअसल संजय सिंह के कुश्ती महासंघ का चुनाव जीतने के बाद साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने इसे बृजभूषण सिंह की जीत बताया था। इन पहलवानों का कहना था कि जब बृजभूषण जैसे लोग कुश्ती फेडरेशन को देखेंगे तो फिर महिला पहलवानों के लिए यह माहौल सुरक्षित नहीं रहेगा। इन पहलवानों में से साक्षी मलिक ने रोते हुए कुश्ती से संन्यास ले लिए था। खेल मंत्रालय ने गोंडा में जूनियन कुश्ती चैम्पियनशिप रखने को महासंघ के संविधान के खिलाफ करार देते हुए कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया था। इसी बीच बजरंग पुनिया ने भी अपना पद्मश्री अवार्ड वापस कर दिया था।