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Protest Against Sahara : दिल्ली जंतर मंतर पर अभय देव शुक्ला गिरफ्तार

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Protest Against Sahara : महासचिव नीरज शर्मा का अभय देव शुक्ला के साथ पुलिस की मारपीट का आरोप, दूसरे दिन सहारा निवेशकों ने किया जोरदार प्रदर्शन 

Protest Against Sahara : Sahara India से भुगतान को लेकर निवेशकों ने शनिवार को दूसरे दिन दिल्ली जंतर-मंतर पर जोरदार प्रदर्शन किया। संसद का घेराव करने जा रहे निवेशकों को पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोक लिया और आंदोलन की अगुआई कर रहे जनांदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय शुक्ला, महासचिव नीरज शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया। सहारा निवेशकों ने दिल्ली पुलिस पर अभय शुक्ला के साथ मारपीट करने का आरोप भी लगाया है। दरअसल सहारा इंडिया के मुखिया सुब्रत राय पर भुगतान न देने का आरोप लगाते हुए देशभर के निवेशकों ने जंतर-मंतर पर 5,6,7 अगस्त का प्रोटस्ट का कार्यक्रम रखा था। कल दिन भर निवेशकों ने जमकर नारेबाजी की। वक्ताओं ने सहारा इंडिया और केंद्र सरकार से भुगतान की मांग की। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को ने भी प्रोटेस्ट स्थल पर आकर आंदोलन को समर्थन किया।

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शनिवार को सुबह से ही Sahara India निवेशक जंतर-मंतर पर आकर जम गये थे। अभय देव शुक्ला और नीरज शर्मा आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे। मंच से Parliament gherao का ऐलान किया गया तो पुलिस ने दल बल के साथ मोर्चा संभाल लिया। सहारा निवेशक सुब्रत राय चोर है, सुब्रत राय हमारा पैसा दो के नारे लगा रहे थे। सहारा निवेशकों के आक्रामक रुख को देखते हुए पुलिस ने अभय देव शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया। सहारा निवेशकों का आरोप है कि उन लोगों ने अपनी जिंदगीभर की कमाई सहारा में जमा कर दी। अब सहारा उनका भुगतान नहीं कर रहा है।

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हजारों की संख्या में दिल्ली जंतर-मंतर पर पहुंचे सहारा निवेशकों को मलाल है कि उन्होंने Sahara India को बुलंदी पर पहुंचाया पर सुब्रत राय ने उनको कंगाल बना दिया। दरअसल सहारा इंडिया ने ढेली, खोखा, दुकानदार, छोटे व्यापारी हर किसी को लोकलुभावनी योजना के तहत पैसा जमा किया और जब योजना की मयाद पूरी हुई तो उसे आगे बढ़वा दिया। अब जब निवेशकों के 20-25 साल तक हो गये हैं तो उनका लाखों का भुगतान सहारा इंडिया देन को तैयार नहीं है।
सहारा इंडिया में संस्था के चेयरमैन ने बड़े दिमाग से आम आदमी के पैसे के अलावा नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स का पैसा भी सहारा में जमा कराया। अब जब सुब्रत राय पर शासन और प्रशासन का शिकंजा कसा जा रहा है तो संस्था में ब्लैकमनी जमा करने वाले नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स उन्हें बचाने में लगे हैं।

भले ही Protest Against Sahara चल रहा हो पर स्थिति यह है कि सुब्रत राय देश के हर तंत्र पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। यही वजह थी कि Patna High Court के सुब्रत राय के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसे रद्द कर दिया था। इतना ही नहीं देश के लगभग हर प्रदेश में सुब्रत राय और सहारा के दूसरे निदेशकों व अधिकारियों के खिलाफ तमाम मुकादमे दर्ज होने के बावजूद सुब्रत राय और उनके परिवार के किसी सदस्य का कुछ नहीं बिगड़ पा रहा है। कहा तो यह भी जा रहा है सुब्रत राय ने अपना परिवार विदेश में शिफ्त कर दिया है। सुब्रत राय का विदेश तक कारोबार फैला हुआ है पर निवेशकों का पैसा नहीं मिल पा रहा है। सहारा की स्थिति आज की तारीख में यह है कि कर्मचारियों को भी समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। यहां तक जो कर्मचारी रिटायर्ड हो रहे हैं उनका हिसाब भी मुश्किल से मिल पा रहा है।