कटिहार: बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शराब की तस्करी और होम डिलीवरी जारी है। इस सच्चाई को खुद राज्य के मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा ने स्वीकार किया है। उन्होंने माना कि शराब की होम डिलीवरी हो रही है, लेकिन सरकार और प्रशासन इस पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।
शराबबंदी के बावजूद बढ़ रही खपत:
बिहार सरकार शराब तस्करी और बिक्री रोकने के लिए जमीन, आसमान और नदियों तक निगरानी कर रही है। ड्रोन, स्वान दस्ता और उत्पाद विभाग की पूरी टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। इसके बावजूद शराब की खपत बढ़ी हुई है और लोग चोरी-छिपे शराब का सेवन कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार शराबबंदी कानून को और सख्त बनाने पर काम कर रही है।
विपक्ष पर साधा निशाना:
कटिहार दौरे के दौरान मद्य निषेध मंत्री ने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जो लोग शराबबंदी हटाने की बात कर रहे हैं, वे महात्मा गांधी के विचारों के हत्यारे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गांधीजी के नशा मुक्त भारत के सपने को साकार किया है और इसे सफल बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
अन्य नशे पर बढ़ी चिंता:
मंत्री ने स्वीकार किया कि शराबबंदी के बाद राज्य में अन्य मादक पदार्थों, जैसे स्मैक, का उपयोग बढ़ा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। शराबबंदी कानून के उल्लंघन पर कार्रवाई तेज कर दी गई है। पकड़े जाने वालों पर क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) के तहत कड़ी कार्रवाई हो रही है, साथ ही उनकी संपत्तियां भी जब्त की जा रही हैं।
जमीनी विवादों पर भी दिया बयान:
जमीनी विवादों को लेकर मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह मामला एडीएम (अपर जिला मजिस्ट्रेट) और अंचल अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में आता है, न कि पुलिस अधीक्षक (एसपी) के। उन्होंने कहा कि प्रशासन इन मामलों को प्राथमिकता से सुलझाने में लगा हुआ है।