एनडीए में सर्वस्वीकार्य नेता हैं प्रधानमंत्री मोदी

एनडीए के पास नरेंद्र मोदी जैसा ब्रांड, महागठबंधन के पास पीएम फेस ही नहीं

अभिजीत पाण्डेय

पटना। चुनाव तो राजनीतिक पार्टियां लड़ती हैं, लेकिन सरकार का नेतृत्व करने के लिए जब कोई पार्टी एक चेहरा सामने कर देती है तो चेहरा बनाम चेहरा भी चुनाव का बड़ा फैक्टर बन जाता है। एनडीए ने नरेंद्र मोदी को तीसरी बार अपना पीएम फेस बनाया है। लाख प्रयासों के बावजूद विपक्ष पीएम के चेहरे पर आम राय बनाने में नाकाम रहा।

महीने भर से कुछ अधिक दिनों तक चली चुनावी प्रक्रिया में एक बात तो साफ हो गई है कि चुनाव परिणाम चाहे जैसे हों, पर पीएम मोदी की मेहनत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसका एक परिणाम तो अभी ही देखने को मिल रहा है कि मोदी समर्थकों को छोड़ दें तो उनके विरोधी भी अब तक उनके नाम की माला जपते रहे हैं।

भाजपा की जगह इस बार का चुनाव मोदी बनाम विपक्ष है। पहले के दो चुनावों में कांग्रेस राहुल गांधी को अपना पीएम फेस घोषित कर देती थी। इसलिए दो चुनाव राहुल बनाम मोदी रहे। तीसरी बार विपक्ष ने पीएम फेस किसी को नहीं बनाया है। आम मतदाता के लिए यह समझना मुश्किल है कि वह किस चेहरे को देख कर वोट करे। नरेंद्र मोदी का आजामाया-परखा चेहरा वोटर के सामने है।

जिन्हें उनके कामकाज से असंतुष्टि है या जिन्हें उनका चेहरा पसंद नहीं, वे तो भाजपा को वोट करेंगे ही नहीं, लेकिन उनसे बेहतर कौन-सा चेहरा दिखता है, यह स्पष्ट नहीं रहने के कारण मतदाताओं के एक तबके को तो परेशानी होगी ही। विपक्ष को इस मुद्दे पर नुकसान उठाना पड़ जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। वर्ष 1977 को अपवाद मान लें तो इंदिरा गांधी लंबे वक्त तक पीएम बनी रहीं।

इसकी एक वजह यही थी कि लोगों को पता होता था कि कांग्रेस की जीत के बाद वे ही पीएम बनेंगी। 1977 में भी इंदिरा ही पीएम का चेहरा थीं, लेकिन इमरजेंसी लगा कर उन्होंने आम आदमी को जितनी तबाही झेलने को विवश किया, उसका खामियाजा उन्हें इसलिए भोगना पड़ा कि तब विपक्ष ने ईमानदारी से गोलबंदी की। ईमानदारी ऐसी कि जनसंघ जैसी पार्टी ने अपना अस्तित्व जनता पार्टी के नाम पर खत्म कर दिया था।

इस बार विपक्ष की हालत ऐसी है कि ममता बनर्जी बंगाल में अलग राह पर चल रही हैं। लालू यादव बिहार में अपना सिक्का चला रहे हैं। अखिलेश यादव कांग्रेस को अपनी शर्तें मनवाने पर आखिर तक अड़े रहे। अरविंद केजरीवाल का तो कुछ कहना ही नहीं। वे कब बिदक जाएं, कोई नहीं जानता। यानी यह स्पष्ट दिख रहा है कि चुनाव मोदी और बिखरे हुए विपक्ष के बीच है।

किसी पार्टी या गठबंधन की कामयाबी के लिए अनुशासन पहली और बुनियादी शर्त है। एनडीए में यह अनुशासन साफ दिखता है। इसका एक ही उदाहरण काफी है। इस बार तय हुआ कि भाजपा का चुनाव घोषणापत्र ही एनडीए का घोषणापत्र होगा। एनडीए के घटक दल अलग से अपना घोषणापत्र जारी नहीं करेंगे। ‘मोदी की गारंटी’ नाम से भाजपा ने घोषणापत्र जारी किया तो एनडीए में शामिल अन्य दलों को कोई आपत्ति नहीं हुई।

दूसरी ओर विपक्षी दलों ने इंडी अलायंस तो बना लिया, लेकिन इसमें शामिल दलों ने अलग-अलग नामों से घोषणापत्र जारी किए। कांग्रेस, आरजेडी और सीपीआई के घोषणापत्र अलग-अलग दिखे। यानी एनडीए ने अनुशासन का परिचय दिया तो इंडिया ब्लॉक ऐसा नहीं कर पाया। भाजपा के घोषणापत्र में पार्टी से अधिक मोदी पर फोकस है। यही वजह रही कि भाजपा ने अपने घोषणापत्र को मोदी की गारंटी नाम दिया।

मोदी के प्रभाव का आकलन एनडीए में शामिल सभी दलों को है। वे जानते हैं कि मोदी के नाम पर और भाजपा के साथ रह कर चुनाव जीतना आसान है।

  • Related Posts

    युद्ध नहीं, बुद्ध चाहिए

    कश्मीर व आतंकवाद का हल है भारत व पाकिस्तान के बीच मैत्री व शांति संदीप पाण्डेय पहलगाम के आतंकवादी हमले के बाद भारत की ओर पाकिस्तान के अंदर आंतकवादी संगठनों…

    सीजफायर पर चारों ओर से घिरती केंद्र सरकार ?

    नई दिल्ली। सीजफायर पर पीएम मोदी को चारों ओर से घेरा जा रहा है। जिस तरह से भारत और पाकिस्तान से जानकारी न मिलने बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति के ट्वीट…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    कोहली का टेस्ट संन्यास : क्रिकेट के सबसे महान अध्यायों में से एक

    • By TN15
    • May 12, 2025
    • 0 views
    कोहली का टेस्ट संन्यास : क्रिकेट के सबसे महान अध्यायों में से एक

    किसी भी सूरत में आतंकवाद को नहीं किया जाएगा सहन : मंत्री रणबीर गंगवा

    • By TN15
    • May 12, 2025
    • 0 views
    किसी भी सूरत में आतंकवाद को नहीं किया जाएगा सहन : मंत्री रणबीर गंगवा

    निर्माणाधीन करनाल रिंग रोड पर इंटर चेंज मार्ग बनाये जाने की मांग को लेकर डी सी को सौंपा ज्ञापन

    • By TN15
    • May 12, 2025
    • 0 views
    निर्माणाधीन करनाल रिंग रोड पर इंटर चेंज मार्ग बनाये जाने की मांग को लेकर डी सी को सौंपा ज्ञापन

    सीजेएम इरम हसन ने सेफ हाऊस का किया निरीक्षण, सुविधाओं का लिया जायजा

    • By TN15
    • May 12, 2025
    • 0 views
    सीजेएम इरम हसन ने सेफ हाऊस का किया निरीक्षण, सुविधाओं का लिया जायजा

    भारत विकास परिषद् सूरज शाखा करनाल की वर्ष 2025-2026 संवत् 2082 की नई कार्यकारिणी का दायित्व ग्रहण समारोह करनाल क्लब में विधिवत रूप से सम्पन्न

    • By TN15
    • May 12, 2025
    • 0 views
    भारत विकास परिषद् सूरज शाखा करनाल की वर्ष 2025-2026 संवत् 2082 की नई कार्यकारिणी का दायित्व ग्रहण समारोह करनाल क्लब में विधिवत रूप से सम्पन्न

    युद्ध नहीं, बुद्ध चाहिए

    • By TN15
    • May 12, 2025
    • 0 views
    युद्ध नहीं, बुद्ध चाहिए