
-पंचायतों की शक्ति और ग्रामीण विकास को दी नई उड़ान
दीपक कुमार तिवारी, नई दिल्ली/मधुबनी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर बिहार के मधुबनी में आयोजित एक भव्य समारोह में 13,480 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने पंचायतों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि बीते एक दशक में पंचायतों को सशक्त करने और तकनीक से जोड़ने के लिए निरंतर कार्य हुआ है।
उन्होंने बताया कि अब दो लाख से अधिक ग्राम पंचायतें इंटरनेट से जुड़ चुकी हैं और पांच लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत हैं। पिछले दस वर्षों में पंचायतों को दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गई है जिससे गांवों का समग्र विकास सुनिश्चित हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने पंचायत भवनों के निर्माण, डिजिटल सुविधाओं, और भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे गांवों में पारदर्शिता और सुशासन को बल मिला है। उन्होंने बताया कि पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने वाला बिहार पहला राज्य है, जिससे सामाजिक न्याय और भागीदारी को मजबूती मिली है।
प्रधानमंत्री ने बिहार में 57 लाख गरीब परिवारों को पक्के घर देने की जानकारी दी और कहा कि आगामी वर्षों में 3 करोड़ नए घर और दिए जाएंगे। इस मौके पर उन्होंने 15 लाख नए पीएमएवाई-ग्रामीण लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र भी सौंपे।
स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, बिजली, जल आपूर्ति, डिजिटल कनेक्टिविटी और मेडिकल सुविधाओं में सुधार की दिशा में पिछले दस वर्षों में हुए कार्यों की भी उन्होंने चर्चा की। दरभंगा में एम्स की स्थापना और झंझारपुर में मेडिकल कॉलेज निर्माण की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार को अब गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
प्रधानमंत्री ने मखाना को सुपरफूड बताते हुए कहा कि यह मिथिला की सांस्कृतिक पहचान है और इसका वैश्विक बाजार में विस्तार सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय दर्जा और मखाना बोर्ड की स्थापना का भी जिक्र किया।
रेलवे, मेट्रो और हवाई संपर्क के विस्तार की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘नमो भारत रैपिड रेल’ सेवा की घोषणा की, जो पटना और जयनगर को जोड़ेगी। साथ ही सहरसा-मुंबई अमृत भारत ट्रेन, पिपरा-सहरसा और सहरसा-समस्तीपुर ट्रेन सेवाओं की शुरुआत की गई।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की तीव्र निंदा की और कहा कि “भारत आतंक के आकाओं को पाताल से भी खोज निकालेगा और न्याय सुनिश्चित करेगा। 140 करोड़ देशवासी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं।”
उन्होंने कहा, “तेजी से विकास के लिए शांति और सुरक्षा आवश्यक है, और विकसित भारत के लिए विकसित बिहार अनिवार्य है।”
इस अवसर पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह, जीतन राम मांझी, गिरिराज सिंह, चिराग पासवान सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।