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उत्तर बिहार के जिलों में अगले 48 घंटे में वारिस का अनुमान

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सुभाष चंद्र कुमार
समस्तीपुर पूसा। डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविधालय स्थित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग के सहयोग से जारी 08-12 मई, 2024 तक के मौसमपूर्वानुमानित अवधि में आसमान में हल्के से मध्यम बादल छाए रह सकते है। अगले 48 घंटों तक वर्षा की सम्भावना बने रहने का अनुमान है तथा इस अवधि में उत्तर बिहार के अनके स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। उसके बाद मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है।

इस अवधि में अधिकतम तापमान 32 से 35 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 20-22 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। मंगलवार के तापमान पर नजर डालें तो अधिकतम तापमानः 36.7 डिग्री सेल्सियस, सामान्य से 0.8 डिग्री सेल्सियस अधिक एवं न्यूनतम तापमानः 22.1 डिग्री सेल्सियस, सामान्य से 2.1 डिग्री सेल्सियस कम रहा है।

सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 40 से 60 प्रतिशत तथा दोपहर में 20 से 30 प्रतिशत रहने की संभावना है।पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 18 से 20 कि0मी० प्रति घंटा की रफ्तार से पुरवा हवा चलने का अनुमान है।

समसामयिक सुझाव देते हुए मौसम वैज्ञानिक ने किसानों से बताया है कि अगले 48 घंटों तक तक वर्षा की संभावना को देखते हुए किसान भाई कृषि कार्यों में सर्तकता बरते। इस दौरान रबी मक्का की कटनी-दौनी नहीं करें। खड़ी फसलों में सिंचाई स्थगित रखें।

अदरक की बुआई 15 मई से करें। अदरक की मरान एवं नदिया किस्में उत्तर बिहार के लिए अनुषंसित है। खेत की जुताई में 25 से 30 टन गोबर की सड़ी खाद, नेत्रजन 30 से 40 किलोग्राम, स्फूर 50 किलोग्राम, पोटास 80 से 100 किलोग्राम जिंक सल्फेट 20 से 25 किलोग्राम एवं बोरेक्स 10 से 12 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करे।

अदरक के लिए बीज दर 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रखें। बीज प्रकन्द का आकार 20-30 ग्राम जिसमें 3 से 4 स्वस्थ कलियाँ हो। रोपाई की दुरी 30ग 20 से०मी० रखे। अच्छे उपज के लिए रीडोमिल दवा के 0.2 प्रतिषत घोल से उपचारित बीज की बुआई करें। हल्दी की बुआई किसान भाई 15 मई से करें।

हल्दीकी राजेन्द्र सोनिया, राजेन्द्र सोनाली किस्में उत्तर बिहार के लिए अनुषंसित है। खेत की जुताई में 25 से 30 टन गोबर की सड़ी खाद, नेत्रजन 60 से 75 किलोग्राम, स्फूर 50 से 60 किलोग्राम, पोटास 100 से 120 किलोग्राम एवं जिंक सल्फेट 20 से 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करे। हल्दी के लिए बीज दर 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रखें।

बीज प्रकन्द का आकार 30-35 ग्राम जिसमें 4 से 5 स्वस्थ कलियाँ हो। रोपाई की दुरी 30ग 20 से०मी० तथा गहराई 5 से 6 से०मी० रखे। अच्छे उपज केलिए 2.5 ग्राम दाईथेन एम० 45+0.1 प्रतिषत कारवेन्डाजीम प्रति किलोग्राम बीज की दर से घोल बनाकर उसमें आधा घंटे तक उपचारित करने के बाद बुआई करे।

खरीफ मक्का की बुआई के लिए खेत की तैयारी करें। खेत की जुताई में 10 से 15 टन गोबर की सड़ी खाद प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करे। खरीफ मक्का की बुआई 25 मई से करें।उरद् और मूंग की फसल में पीला मोजैक वायरस से ग्रस्त पौधों को उखार कर नष्ट कर दें। यह रोग सफेद मक्खी द्वारा फैलता है।

इसके शुरूवाती लक्षण पत्तियों पर पीले धब्बे के रूप दिखाई देता है, बाद में पत्तियों तथा फलियों पूर्ण रूप से पीली हो जाती है। इन पत्तियों पर उत्तक क्षय भी देखा जाता है। फलन काफी प्रभावित होता है। लत्तर वाली सब्जियों जैसे नेनुआ, करैला, लौकी (कडू), और खीरा में लाल भृंग कीट से बचाव हेतु डाइक्लोरफॉस 76 इ०सी० 1 मि०ली० प्रति ली० पानी की दर से छिड़काव आसमान साफ रहने पर ही करें।

ओल के गजेन्द्र किस्म की रोपाई संपन्न करें। प्रत्येक 0.5 किलोग्राम के कन्द की रोपनी के लिए दूरी 75ग75 से0 मी० रखें। 0.5 किलोग्राम से कम वजन की कंद की रोपाई नहीं करे। भिंडी की खड़ी फसल पर जैसीड एवं बोरर का प्रकोप होने पर नीम आधारित दवाएँ जैसे नीमीगोल्ड, नीमीसाईड का प्रयोग 2 मि०ली० प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव आसमान साफ रहने पर ही करें।

खरीफ धान की र्नसरी के लिए खेत की तैयारी करें। स्वस्थ पौध के लिए र्नसरी में सड़ी हुई गोबर की खाद का व्यवहार करे। एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में रोपाई हेतु 800-1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बीज गिरावें। नर्सरी में क्यारी की चौराई 1.25-1.5 मीटर तथा लम्बाई सुविधा अनुसार रखें। बीज की व्यवस्था प्रमाणित स्त्रोत से करें। देर से पकने वाली किस्मों की नर्सरी 25 मई से लगा सकते हैं।

सभी दुधारू पशुओं को गलाघोटू एवं लंगड़ी रोग से वचाव के लिए टीकाकरण करायें। नए गेहूँ के भूसा को खिलाने के पूर्व करीब 2 घंटा पानी में फुला लें एवं 50 ग्राम खनिज मिश्रण तथा 50 ग्राम नमक, चारा-दाना मिलाकर दें।