बांटी मिठाई
दीपक कुमार तिवारी
पटना/प्रयाग। बिहार के नवादा जिले के वारिसलीगंज नगर परिषद के अंबेडकर नगर निवासी सुजीत दास का 13 वर्षीय बेटा अमरजीत कुमार 30 मई 2024 से लापता था। आठ महीने बाद, उसे प्रयागराज में आयोजित कुम्भ मेले के दौरान ढूंढ निकाला गया। अमरजीत के घर लौटने से परिवार और गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है। परिजन उसे लेकर वारिसलीगंज थाने पहुंचे, जहां से न्यायालय में पेश करने की प्रक्रिया पूरी की। इसके बाद बालक को औपचारिक रूप से परिजनों को सौंप दिया। परिवार वालों ने बेटे के मिलने पर मिठाई बांट कर अपनी खुशी का इजहार किया।
अमरजीत ने बताया कि 30 मई को अनिल पासवान नामक व्यक्ति ने उसे बहला-फुसलाकर गया जंक्शन ले गया और ट्रेन में बैठा दिया। इसके बाद, उसे इलाहाबाद के एक अनाथालय में पहुंचा दिया गया।
2025 के महाकुंभ के दौरान, गांव के कुछ लोग प्रयागराज गए हुए थे। इसी दौरान उन्होंने एक अनाथालय के बाहर लगी तस्वीर में अमरजीत को पहचान लिया। सबसे पहले दिलीप दास ने तस्वीर देखी और इसकी सूचना परिवार को दी। दिलीप के साथ डॉ. शंभू शरण, कारू दास, प्रभात, राजा, अर्जुन, किशोरी पासवान और धोना दास भी मेला घूमने गए थे। सूचना मिलते ही अमरजीत के माता-पिता प्रयागराज पहुंचे और अपने बेटे को पाकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
अमरजीत की मां काजल देवी ने बताया कि आठ महीने के इस कठिन समय में वह और उनके परिवार के लोग बेहद परेशान रहे। इस दौरान साइबर ठगों ने बच्चे को खोजने का झांसा देकर उनसे 10 हजार रुपये ठग लिए। ठगों ने UPI के माध्यम से दो लाख रुपये की मांग की थी, लेकिन परिवार आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण सिर्फ 10 हजार ही दे सका।
महाकुंभ के दौरान, परिवार को उनकी खोई हुई खुशी वापस मिल गई। अमरजीत के घर लौटने से गांव में जश्न का माहौल है। परिवार ने इंटरनेट मीडिया और उन सभी लोगों का धन्यवाद किया, जिन्होंने इस मुश्किल समय में उनकी मदद की।