सकारात्मक सोच मनुष्य को आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाती है।
पवन राजपूत
अक्षर कुछ मनुष्य असफलता को ही हार मान लेते हैं, जिन महापुरुषों ने इतिहास रचा है क्या वह कभी असफल नहीं हुए होंगे? उनकी सकारात्मक सोच ने उनको अपनी असफलता को सफलता में परिवर्तित करने के लिए प्रेरित किया और उन्होंने इतिहास रचा।
आशावाद, उत्साह, विश्वास अखंडता, दृढ़ संकल्प ,साहस ,धैर्य ,आत्मविश्वास शांति ,और, ध्यान सकारात्मक जीवन व्यतीत करने वाले व्यक्ति की सोच के प्रतिबिंब होते हैं। सकारात्मक सोच रखने वाला व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों में भी आनंदित रहता है, वह बीमारियों, तनाव और चिंताओं से दूर रहता है। असफलता उसे हरा नहीं सकती वह असफलता को भी सफलता में परिवर्तित करता है। कठिन से कठिन परिस्थितियों को हल कर सकने का विश्वास ही हमारी सकारात्मक सोच की शक्ति है। या यूं कहें कि कठिन (मुश्किल) कार्य करने की हिम्मत भी हमें हमारी सकारात्मक सोच से मिलती है। सकारात्मक व्यक्ति हर कार्य में अच्छाई को तलाशता है।हमें सकारात्मक बनने के लिए अच्छे विचारों को अपनाना होगा, हमें अच्छा सोचना, अच्छा बोलना , अच्छा करना होगा, सभी इंसानों का आदर करना होगा। अगर हम सकारात्मक सोच के साथ हैं तो हर चुनौतियों का सामना कर सकते हैं, अपने आसपास के लोगों और आसपास होने वाली घटनाओं के उज्जवल पक्ष पर ध्यान केंद्रित कर एक सुंदर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। सकारात्मक सोच एक विकल्प है, व्यक्ति को सफल होने के लिए उम्मीद भरा दृष्टिकोण है, वास्तव में हमारी सोच ही हमारे व्यक्तित्व का प्रतिबिंब है। कठिन से कठिन परिस्थितियों में हिम्मत बनाए रखना हमारी सोच की शक्ति है।
हम सकारात्मक रहने के लिए क्या कर सकते हैं –
1- यह ध्यान रखें अच्छा या बुरा दौर हमेशा नहीं रहता।
2-अपने आप पर विश्वास करें(मैं कर सकता हूं ,सकती हूं)
3-अपना निर्णय खुद ले।
4-अपनी कमियों को पहचाने।
5-किसी की शिकायत में समय व्यतीत न करें।
6-अपने (पक्ष) बात को अच्छे से रखें।
7-अपने विचार लिखें और अमल में लाए।
8-हमेशा मुस्कुराते रहे।
9-समय व्यतीत न करते हुए कुछ ना कुछ करते रहे।
10-अपनी इच्छा शक्ति बढ़ाएं और दृढ़ संकल्प लें। सकारात्मक सोच एक असफल व्यक्ति को सफल एवं साधारण से महान सकती है।