जनकपुरधाम। जनकपुरधाम के राम बहादुर साह सेवा सदन के सभागृह में सोडेप नेपाल द्वारा “नेपाल में आर्थिक मंदी, राज्य पक्ष र कारक एवं समाधान को उपाय विषय” पर अंतर क्रिया कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि नेपाल में आर्थिक मंदी का कारण राजनीति अस्थिरता भी है। माओवादी जन युद्ध के बाद बड़े बड़े उद्योगपति उद्योग के प्रति उदासीन हो गये।दुसरी ओर नेपाल के आय का मुख्य स्रोत पर्यटन एवं मधेश का कृषि था। मधेश के चावल,दलहन ,तेलहन नेपाल से भारत निर्यात होता था।आज भारत से चावल, गेहूं, तेलहन, दलहन का आयात होता है। किसान को समय पर सिंचाई,खाद ,बीज उपलब्ध नहीं होता है। सरकार द्वारा भारतीय उत्पाद पर अत्यधिक कर लगाने के कारण जरूरत की सामान उपभोक्ता भारत के सीमावर्ती कस्वो से खरीदकर लाते हैं जिससे जनकपुरधाम सहित सीमावर्ती शहरों के व्यापार पर असर पड़ रहा है। जनकपुरधाम सहित पूरे नेपाल के आधा दूकान की शटर खाली हो गया है। जनकपुरधाम में भारत से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं लेकिन भंसार के कड़े नियम, 25हजार से रूपये से अधिक नहीं लाने की अनुमति के कारण पर्यटक की संख्या में कमी आ रही है। स पर सरकार ध्यान दें। कृषि क्षेत्र में विकास के लिए सिंचाई,खाद,
बीज की व्यवस्था सरकार कोकरना होगा। इसअंतर क्रिया कार्यक्रम में मधेश प्रदेश नीति आयोग के उपाध्यक्ष सोहन साह, जनकपुरधाम वृहद विकास क्षेत्र परिषद के अध्यक्ष शीतल साह, उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश योगेन्द्र साह, जिला जन स्वास्थ्य कार्यालय धनुषा के प्रमुख उमेश प्रसाद यादव, समाजसेवी बिष्णु कुंवर, जसपा नेपाल के नगर के बरिष्ठउपाध्यक्ष राम चंद्र पंजियार, जनकपुरधाम उद्योग बाणिज्य संघ के निवर्तमान अध्यक्ष अंबु प्रसाद साह, सोडेप नेपाल के निर्देशक सत्य नारायण साह, पूर्व अध्यक्ष सुनीता देवी ,प्रो.हरे कृष्ण साह सहित लोगों ने विचार रखें।