ठोस आश्वासन न मिला तो एनडीए से अलग हो अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे नीतीश
निर्णय लेने में मोदी दौरे का इंतजार कर रहे नीतीश कुमार
नीतीश की नाराजगी के चलते अमित शाह ने रद्द किया था दौरा
बात न बनी तो सम्राट चौधरी को पेश नहीं करने देंगे बजट
चरण सिंह
नई दिल्ली/पटना। पीएम मोदी 24 फरवरी को बिहार के भागलपुर पहुंच रहे हैं। उनका यह दौरा बिहार की राजनीति और विधानसभा चुनाव के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना यह जा रहा है कि मोदी नीतीश कुमार को मनाने के लिए बिहार पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि बिहार का जो बजट 19 फरवरी को पेश होना था वह अब 28 फरवरी को पेश होगा। मतलब नीतीश कुमार पीएम मोदी के बयान का इन्तजार कर रहे हैं कि वह बिहार में आकर उनके बारे में क्या बोलते हैं। यदि पीएम मोदी ने यह न कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री का चेहरा नीतीश कुमार ही रहेंगे तो मानकर चलिए कि 28 फरवरी को जो बजट पेश होगा उसे नीतीश कुमार उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी को पेश नहीं करने देंगे। नीतीश कुमार का कोई विधायक मंत्री बनेगा तो बजट पेश करेगा।
दरअसल गृह मंत्री अमित के बिहार के मुख्यमंत्री के बारे में बीजेपी के संसदीय बोर्ड के तय करने के बयान के बाद नीतीश कुमार लगातार बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं। 20 जनवरी को वह पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में नहीं पहुंचे। 22 जनवरी को जो मणिपुर में जदयू द्वारा बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लिया गया। माना जा रहा है कि वह नीतीश कुमार के निर्देश पर ही लिया गया था। बाद में प्रदेश अध्यक्ष को उनके पद से हटा दिया गया। 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर जब उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पटना एयरपोर्ट पहुंचे तो नीतीश कुमार उनके अगवानी नहीं करने गए। समस्तीपुर में जब उनका हेलकॉप्टर उतरा तब भी नीतीश नहीं थे। यहां तक कि जब तक जगदीप धनखड़ मंच पर रहे तब तक नीतीश समस्तीपुर चर्चा कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। जगदीप धनखड़ के लखनऊ रवाना होने के बाद ही वह कार्यक्रम पहुंचे। मतलब नीतीश कुमार लगातार नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। नीतीश कुमार का पूरा फोकस प्रगति यात्रा पर है। वह इस हिसाब से चल रहे हैं कि यदि जरूरत पड़ी तो वह अकेले अपने दम पर भी चुनाव लड़ सकते हैं।