बिहार चुनाव से पहले पीएम मोदी का भागलपुर दौरा, बीजेपी ने कसी कमर

पटना। दीपक कुमार तिवारी।

दिल्ली चुनाव के बाद अब बिहार की सियासत गरमा गई है। अक्टूबर-नवंबर 2025 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए और महागठबंधन दोनों सक्रिय हो गए हैं। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 फरवरी को बिहार दौरे पर आ रहे हैं। भागलपुर में आयोजित किसान सम्मान निधि कार्यक्रम के तहत पीएम मोदी देशभर के किसानों के खाते में राशि ट्रांसफर करेंगे। इस दौरे को चुनावी शंखनाद के रूप में देखा जा रहा है।

बीजेपी ने संभाली चुनावी कमान:

प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जबरदस्त तैयारियां शुरू कर दी हैं। केंद्रीय मंत्रियों से लेकर बिहार सरकार के मंत्रियों तक की विशेष ड्यूटी लगाई गई है। पार्टी ने 12 जिलों पर विशेष फोकस किया है, जहां संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

प्रभारियों की सूची जारी:

भागलपुर जिले में अनिल ठाकुर को क्षेत्रीय प्रभारी और मनीष पांडे को सह प्रभारी बनाया गया है। भाजपा विधायक संजय सरावगी को इस जिले की जिम्मेदारी दी गई है। नवगछिया में इंजीनियर शैलेंद्र क्षेत्रीय प्रभारी होंगे, जबकि पूर्व सांसद अनिल यादव सह प्रभारी रहेंगे। मंत्री रेणु देवी और विधायक हरीभूषण ठाकुर बचौल को भी भागलपुर की जिम्मेदारी दी गई है।

मधेपुरा जिले के लिए सत्येंद्र राय और विनोद मंडल को सह प्रभारी बनाया गया है। बांका जिले में विधान पार्षद लालमोहन गुप्ता क्षेत्रीय प्रभारी होंगे। लखीसराय जिले में धीरेंद्र सिंह, जबकि डिप्टी सीएम विजय सिन्हा स्वयं कमान संभालेंगे। बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, खगड़िया में रविंद्र रंजन, जमुई में राजू झा सह प्रभारी रहेंगे।

नीतीश मिश्रा को मिली अररिया की जिम्मेदारी:

मुंगेर जिले में संजय खंडेलिया, कटिहार में नरेश साह, पूर्णिया में सरोज झा को प्रभारी बनाया गया है। अररिया जिले में सांसद प्रदीप सिंह, स्वदेश यादव, विजय शंकर चौधरी के साथ मंत्री नीतीश मिश्रा को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।

राजनीतिक समीकरण क्या कहते हैं?

पीएम मोदी का बिहार दौरा एनडीए की चुनावी रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है। बीजेपी और जेडीयू ने मंत्री, सांसद और विधायकों को मैदान में उतार दिया है ताकि 2025 के चुनाव में जीत सुनिश्चित की जा सके।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पीएम मोदी की यह रैली बिहार के राजनीतिक समीकरणों को कितना प्रभावित करती है और क्या एनडीए इस दौरे के जरिए महागठबंधन पर बढ़त बना पाएगा?

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