दरभंगा में पीएम मोदी बोले: स्व. कर्पूरी ठाकुर के सपने को हमने साकार करने की कोशिश की,मेडिकल की पढ़ाई अब हिंदी में

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दीपक कुमार तिवारी

दरभंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दरभंगा में प्रस्तावित सूबे के दूसरे एम्स की आधारशिला रखी. इस मौके पर बिहार के राज्यपाल के अलावे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद थे. सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश में सबसे बड़ी आबादी गरीब और मध्यम वर्ग की है. बीमारी भी सबसे अधिक इन्हीं वर्गों को प्रभावित करती है. इलाज पर खर्च भी बहुत अधिक होती है. प्रधानमंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य पर हमारा कितना फोकस है. बिहार में जबसे नीतीश कुमार ने काम कपना शुरू किया,तब से स्वास्थ्य क्षेत्र में तेजी से काम किए जा रहे हैं. हमारी कोशिश थी कि आंख का एक बड़ा अस्पताल बिहार में हो. मुख्यमंत्री जी बता रहे थे, आंख अस्पताल निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है. नीतीश बाबू के नेतृत्व में बिहार प्रगति कर रहा है. पीएम मोदी ने दरभंगा महाराज को भी याद किया. उन्होंने कहा कि महाराजा कामेश्वर सिंह हम सब लोगों के लिए प्रेरणा श्रोत हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर आयुष्मान भारत योजना नहीं होती तो गरीबों को इलाज नहीं हो पाता, गरीबों की बड़ी चिंता एनडीए सरकार की योजना से दूर हुई है. आयुष्मान योजना से करोड़ परिवारों का सवा लाख करोड रुपए की बचत हुई है. चुनाव के समय मैं आपको गारंटी दी थी कि 70 साल के ऊपर के बुजुर्गों को भी आयुष्मान योजना के दायरे में लाया जाएगा. मैंने यह गारंटी पूरी कर दी है. बिहार में भी 70 साल के ऊपर के जितने भी बुजुर्ग हैं, परिवार की कमाई चाहे जो भी हो, उनके लिए मुफ्त इलाज की सुविधा शुरू हो गई है. बहुत जल्द सभी बुजुर्गों के पास आयुष्मान कार्ड होगा. छोटे शहरों में भी इलाज की बेहतर सुविधाएं पहुंचाना हमारा लक्ष्य है. चिकित्सकों की कमी दूर करना हमारा लक्ष्य है. आजादी के 60 सालों तक देश में सिर्फ एक ही एम्स था वह भी दिल्ली में. गंभीर बीमारी के लोग दिल्ली एम्स का रुख करते थे. कांग्रेस सरकार के समय जो चार-पांच एम्स बनाने की घोषणा हुई, उनमें ठीक से इलाज नहीं शुरू हो पाई. हमारी सरकार ने अस्पतालों की इन बीमारियों को भी दूर किया. देश के कोने कोने में नए एम्स बनाए हैं. आज देश में दो दर्जन एम्स हैं. 10 सालों में मेडिकल कॉलेज की संख्या भी दोगुनी हुई है.
पीएम मोदी ने कहा कि दरभंगा एम्स से भी हर वर्ष बिहार के अनेक युवा डॉक्टर बनकर सेवा के लिए निकलेंगे. पहले डॉक्टर बनना हो तो अंग्रेजी आना जरूरी था. मध्यम वर्ग, गरीब के बच्चे अंग्रेजी स्कूल में कहां से पढेंगे, इसलिए हमारी सरकार ने तय किया कि आपको डॉक्टर बनना है या इंजीनियरिंग पढ़ना है,अपनी मातृभाषा में पढ़कर डॉक्टर, इंजीनियर बन सकते हैं. मेरी सरकार का यह काम कर्पूरी ठाकुर की सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है. वह यही सपना हमेशा देखते थे. हमने वह काम कर कर दिखा दिया है. हमने मेडिकल में एक लाख नई सीटें जोड़ी है. आने वाले 5 सालों में 75000 नई सीटें जोड़ने वाले हैं. हमारी सरकार ने एक और नया निर्णय लिया है. हम हिंदी और दूसरी भारतीय भाषाओं में भी मेडिकल की पढ़ाई का विकल्प दे रहे हैं. मकसद है गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी परिवार के बच्चे भी डॉक्टर बन सके.

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