लोकसभा का बिगुल बज चुका है। इंडिया गठबंधन का अभी तक टिकटों का बंटवारा नहीं हो पा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुलंदशहर से चुनावी शंखनाद भी कर दिया है। इंडिया गठबंधन में एक ओर पश्चिमी बंगाल में टीएमसी अकेले दम पर चुनावी समर में है तो दूसरी ओर बिहार में नीतीश कुमार के एनडीए में जाने की खबरें हैं। इन सब के बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुलंदशहर से जो संदेश दिया उसकी गूंज दूर तक गई।
उन्होंने जहां राम के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की कि अब राम की महत्ता लोगों के सिर चढ़कर बोलेगी। पीएम मोदी ने एक पश्चिमी उत्तर प्रदेश को 20 हजार करोड़ की सौगात देकर हर वर्ग को साधने की कोशिश की वहीं बुलंदशहर से ही दिल्ली और हरियाणा तक अपना संदेश दिया। दरअसल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जो 7 सीटें बीजेपी ने 2019 के चुनाव में गंवायी है उनको पाने के लिए बीजेपी ने एक खास रणनीति बनाई है एक ओर जहां जाट समाज से आने वाले भूपेंद्र चौधरी को प्रदेश बनाया है वहींं बुलंदशहर से पीएम मोदी की रैली कराकर माहौल बनाने की कोशिश की है।
बुलंदशहर में पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भगवान राम का नाम लेकर यूपी के बुलंदशहर से लोकसभा चुनावों का शंखनाद कर दिया। खुर्जा इलाके के चोला गांव में आयोजित जनसभा में उन्होंने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को भी याद किया। मोदी ने कहा कि इस धरती ने कल्याण सिंह जैसे सपूत दिए हैं। आज वो जहां हैं अयोध्या धाम को देखकर आनंदित हो रहे होंगे। ये हमारा सौभाग्य है। लेकिन अभी भी सशक्त राष्ट्र के निर्माण का, सामाजिक न्याय का सपना बढ़ाने के लिए हमें अपनी गति बढ़ानी है। हमें मिलकर काम करना है। अयोध्या में मैंने कहा था कि प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ अब राष्ट्र प्रतिष्ठा का काम करना है।
पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत का निर्माण यूपी के तेज विकास के बिना संभव नहीं है। खेत खलिहान से लेकर ज्ञान, विज्ञान, उद्योग तक हर शक्ति को जगाना है। आज का ये आयोजन इसी दिशा में एक और कदम है। बड़ा कदम है। महत्वपूर्ण कदम है। आजादी के बाद से विकास को कुछ ही क्षेत्रों तक सीमित रखा गया। देश का एक बड़ा हिस्सा विकास से वंचित रहा। इसमें भी उत्तर प्रदेश जहां देश की सबसे बड़ी आबादी बसती थी, उस पर उतना ध्यान नहीं दिया गया। ये इसलिए हुआ क्योंकि लंबे समय तक यहां सरकार चलाने वालों ने शासकों की तरह बर्ताव किया। जनता को अभाव में रखने का, समाज में बंटवारा उनको सत्ता पाने का सबसे सरल माध्यम लगा। इसकी कीमत उत्तर प्रदेश की अनेक पीढ़ियों ने भुगती है। लेकिन साथ ही देश को भी इसका बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।
पश्चिमी यूपी में बन रहे अनेक नेशनल हाइवे
नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब देश का सबसे बड़ा राज्य ही कमजोर हो, तो देश कैसे ताकतवर हो सकता था? उत्तर प्रदेश को पहले ताकतवर बनाना होगा कि नहीं होगा? मैं तो यूपी का सांसद हूं और मेरी विशेष जिम्मेदार है। आज भारत में नेशनल हाइवे का तेजी से विकास हो रहा है। उसमें से अनेक पश्चिमी यूपी में बन रहे हैं। आज हम यूपी के हर हिस्से को आधुनिक एक्सप्रेस वे से कनेक्ट कर रहे हैं।
वेस्ट यूपी सबसे रोजगार देने वाला केंद्र बना
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनकर तैयार हो जाएगा तो इस क्षेत्र को नई ताकत नई उड़ान मिलने वाली है। सरकार के प्रयासों से आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश रोजगार देने वाले प्रमुख सेंट्रल में से एक बन रहा है। केंद्र सरकार देश में चार नए औद्योगिक स्मार्ट शहर बनाने की तैयारी में है। ऐसे नए शहर जो दुनिया के श्रेष्ठ स्थलों को टक्कर दे सके। इसमें से एक औद्योगिक स्मार्ट शहर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में बना है। आज मुझे इस महत्वपूर्ण टाउनशिप का उद्घाटन करने का सौभाग्य मिला है।
वेस्ट यूपी को आज मिले 19 हजार करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट
अपने सरकार के कामकाज के बारे में बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज पश्चिमी यूपी को विकास के लिए 19 हजार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स भी मिले हैं। ये प्रोजेक्ट्स रेल लाइन, हाईवे, पेट्रोलियम पाइपलाइन, पानी, सीवेज, मेडिकल कॉलेज और औद्योगिक शहर से जुड़े हुए हैं। आपका ये प्यार और आपका ये विश्वास…जीवन में इससे बड़ा सौभाग्य और क्या हो सकता है। मैं आपके प्यार के लिए अभिभूत हूं। 22 तारीख को अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के दर्शन हुए और अब यहां जनता जनार्दन के दर्शन का सौभाग्य मिला है।
पहला नमो प्रोजेक्ट पश्चिमी यूपी से ही शुरू हुआ
पीएम ने कहा कि आज भारत का पहला नमो भारत प्रोजेक्ट पश्चिमी यूपी में ही शुरू हुआ है। यूपी के कई शहर मेट्रो सुविधा से जुड़ रहे हैं। सरकार के प्रयासों से आज पश्चिमी यूपी रोजगार देने वाले प्रमुख सेंटर में से एक बन रहा है। पहले लंबे समय तक यहां सरकार चलाने वालों ने शासकों की तरह बर्ताव किया। जनता को अभाव में रखने और समाज में बंटवारे का रास्ता उनके लिए सत्ता पाने का सबसे सरल माध्यम था। इसकी कीमत उत्तर प्रदेश की अनेक पीढ़ियों ने भुगती है। लेकिन साथ-साथ देश को भी इसका बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।