बच्चों के ज्ञानवर्धन के लिए नालंदा में बने तारामंडल

राम विलास

राजगीर। विश्वविख्यात नालंदा में नालंदा विश्वविद्यालय के आचार्य नागार्जुन के नाम पर तारामंडल निर्माण की मांग उठने लगी है. यहां के बुद्धिजीवियों का मानना है कि  तारामंडल के निर्माण होने से बिहार के कोने-कोने से नालंदा भ्रमण पर आए स्कूली छात्र – छात्राओं को ज्ञानवर्धन तो होगा ही , देशी – विदेशी सैलानियों से राज्य सरकार को आमदनी भी बढ़ेगी।

जिला परिषद् की पूर्व सदस्य चंद्रकला कुमारी और नीरपुर पंचायत की मुखिया कुमारी सविता ने मुख्यमंत्री से यह मांग की है. उन्होंने कहाकि तारामंडल देशी- विदेशी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। बिहार के लगभग सभी जिलों से मुख्यमंत्री शैक्षणिक भ्रमण योजना पर स्कूली छात्र- छात्राएं विश्व धरोहर और दुनिया के पहले आवासीय विश्वविद्यालय के भग्नावशेष के दीदार के लिए नालंदा आते हैं।

वह प्राचीन नालंदा  विश्वविद्यालय के धरोहर को देखकर इतिहास से रूबरू होते हैं। उन्हें नालंदा के वैभवशाली शैक्षणिक परंपरा की जानकारी तो होती ही है वे विश्व के पहले आवासीय विद्यालय का दर्शन कर बेहद प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही उन्होंने नव नालंदा महाविहार डीम्ड विश्वविद्यालय के समीप के नालंदा विश्वविद्यालय के समकालीन इंद्र सरोवर झील का सौन्दर्यीकरण करने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की है।

उन्होंने कहा कि इस विशाल सरोवर का सौन्दर्यीकरण करने के बाद यह सैलानियों के लिए आकर्षण का दूसरा प्रमुख केंद्र बन सकता है . इस तालाब के चारों ओर पाथवे का निर्माण, पाथवे के दोनों ओर फूलों की क्यारी, झील के मध्य में भगवान बुद्ध की आकर्षक ऊंची प्रतिमा, बुद्ध प्रतिमा के दोनों तरफ उनके शिष्य सारिपुत्र व महामोग्लान की प्रतिमा और प्रतिमा स्थल तक पहुंचने के लिए पावापुरी के जल मंदिर की तरह मार्ग का निर्माण कराया जाए तो यह बौद्ध धर्मावलंबियों, तीर्थ यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण तो होगा ही सभी प्रकार के सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकता है।

उन्होंने कहा कि इस झील में मोटर बोट की व्यवस्था की जाए तो यह ग्रामीण पर्यटन स्थल के रूप में उभर सकता है। पर्यटन विभाग को इससे अच्छी खासी राजस्व प्राप्त हो सकती है। सुबह में नव नालंदा  महाविहार डीम्ड विश्वविद्यालय, नालंदा खुला विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों, पुरातत्व संग्रहालय एवं स्थानीय लोगों के लिए मॉर्निंग वॉक का यह सबसे उपयुक्त स्थल भी हो सकता है।

डीम्ड विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों एवं शोधार्थियों के मनोरंजन का यह साधन भी हो सकता है. प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के आचार्य और छात्रों की तरह इस सरोवर का इस्तेमाल नालंदा खुला विश्वविद्यालय और महाविहार के आचार्य और छात्र कर सकते हैं।

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *