Petrol Price : 28 अप्रैल को केन्द्र सरकार के पेट्रोलियम मंत्री अचानक Tweet करके समझाने लगते है कि किस प्रकार महाराष्ट्र सरकार तथा राजस्थान पेट्रोल की कीमतों पर (Petrol Price) मनमाना टैक्स वसूल रहें है वही BJP शासित प्रदेश में कम टैक्स लगाया जाता है जिससे कि वहां पेट्रोल की कीमत (Petrol Price)अपेक्षाकृत कम हैं।
पेट्रोल कीमतों (Petrol Price) पर ये बहस 27 अप्रैल को प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों के साथ वर्चुअल मीटिंग की जिसमें उन्होंने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से पेट्रोल तथा डीजल पर राज्य सरकार द्वारा लगाया जा रहे कर को कम करने की बात कहीं। प्रधानमंत्री का इतना कहना ही था कि विपक्ष की तरफ से प्रतिक्रिया आने लगीं कि सबसे पहले उद्धव ठाकरे ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की जिसके प्रतिक्रिया में हरदीप सिंह पुरी जी ने Tweet किये।
पेट्रोल की बढ़ती कीमतों (Petrol Price) के बीच हरदीप पुरी का विपक्ष को बयान –
आए दिन भारत में विपक्ष केंद्र सरकार को महंगाई के लिए घेरता है लेकिन भारत में महंगाई अब एक धारणा का विषय बन गया है अगर आपको सरकार पसंद है तो आपके लिए महंगाई नही है अगर आप सरकार के विरोधी है तो आपको हर जगह महंगाई ही दिखेगी। आपने सोशल मीडिया में शेर पाल लेने वाले जैसे बेतुके बयान सुने होंगे।
लेकिन अगर अर्थशास्त्रियों के बाद प्रधानमंत्री भी राज्यों से महंगाई कम करने की मांग कर रहे तो हम मान लेते है कि महंगाई भारत में है ये सही बात है कि रुस- युक्रेन युद्ध के कारण पेट्रोल की कीमत (Petrol Price) इंटरनेशनल मार्केट पर बढ़ गई हैं। लेकिन क्या राज्य सरकारों के टैक्स के कारण ही पेट्रोल (Petrol Price) 100 रुपये के पार बिक रहा?
आखिर कहां से आता है भारत में पेट्रोल –
हमारे गाड़ियों में प्रयोग होने वाला पेट्रोल, डीजल तथा रसोई में प्रयोग की जाने वाली गैस पेट्रोलियम नाम के रॉ मटेरियल से प्राप्त होता है, आपने इसे क्रूड ऑयल कहते हैं। भारत जिस क्रूड ऑयल का आयात करता है उसे ब्रेंट क्रूड ऑयल (Brent Crude) हैं। ये क्रूड ऑयल समुद्रों से निकाला जाता हैं। भारत मुख्यतः गल्फ देशों से तेल आयात करता है जहाँ पर कच्चे तेल का बेंचमार्क ब्रेंट ही होता है। भारत में रोजाना करीब 35 लाख बैरल क्रूड ऑयल की खपत होती है और भारत इसका 83% आयात करता है।
अब वापस चलते हैं महंगाई पर, केन्द्र सरकार दावा कर रही कि उन्होंने पेट्रोल (Petrol Price) पर टैक्स कम कर दिए। हालांकि वे ये बताना भूल गए कि चुनाव के 5 महीने पहले ही उन्होने ये काम किया इस बीच युद्ध स्थित के बाद भी सरकार ने टैक्सों को बढ़ाया नही। चुनाव के ठीक बाद ही पेट्रोल की कीमतें बढ़ने लगी, प्रधानमंत्री जी ने मीटिंग में विपक्ष की सरकारों का नाम लेकर समझाया कि किस प्रकार वे ज्यादा कर वसूल रहें वही BJP शासित राज्यों में वही कर कैसे कम हैं। उन्होंने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और गुजरात का उदाहरण दिया।
प्रधानमंत्री जी ने मुम्बई पेट्रोल की कीमतों (Petrol Price) की तुलना बगल में स्थित दमन से की। तथा इसी प्रकार उन्होंने लखनऊ की तुलना पश्चिम बंगाल के कोलकाता से की । प्रधानमंत्री ने कुछ चुनिन्दा राज्यों के नाम नहीं लिए जैसे कि भोपाल, बैंगलोर तथा बिहार इन सभी जगहों पर भी राज्यों ने टैक्स कम नहीं किये थे।
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अब अंतरराष्ट्रीय कीमतों की बात करें तो 2022 में ब्रेंट क्रूड ऑयल (Brent Crude) की कीमत 2008 में मिल रहें ब्रेंट क्रूड ऑयल से भी कम हैं 2008 में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 139 रुपये थी वही 2014 में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 114 रुपये 2016 में और घटकर 32 रुपये थी। इसके बाद महामारी में यानी मार्च 2020 में क्रूड ऑयल की कीमत 26 रुपये हो गई। वही 27 अप्रैल को ये कीमते युद्ध स्थिति के बाद 127 रुपये प्रति बैरल हो गई है। इतने सालों बाद भी ये कीमत 2008 की कीमतों को पीछे नहीं छोड़ पाती हैं।
दिल्ली में पेट्रोल की कीमत (Petrol Price) 50 रुपये प्रति लीटर थी जबकि ब्रेंट क्रूड ऑयल (Brent Crude) की कीमत 139 रुपये प्रति बैरल हैं। और आज ये कीमत दोगुनी हो चुकी है। आंकड़ो को अच्छी तरह से देंखे तो जितना राज्य वैट से नहीं वसूल रही पाती उससे अधिक केन्द्र सरकार एक्साइज ड्यूटी से टैक्स वसूल लेती हैं।
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लेकिन प्रधानमंत्री जी की बात सही है कि विपक्षी सरकारों ने टैक्स कम न कर पेट्रोल की कीमतों (Petrol Price) पर मुनाफा कमाया है तथा जिन राज्यों ने नहीं बढ़ाया वे इससे वंचित रह गए। ध्यान रहें कि वे वंचित रह गए टैक्स की कमाई से न कि उन्हें इसका नुकसान उठाना पड़ा।