जनता ने कई दिग्गजों को दिखाया आईना, पंजाब के बड़े नेता हारे

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उत्तराखंड में धामी के साथ रावत का भी सूपड़ा साफ,  पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ उनके सियासी दुश्मन नवजोत सिंह सिद्धू, अकाली दल के सर्वेसर्वा सुखबीर बादल और सीएम चन्नी चुनाव हार गए हैं

द न्यूज 15 
नई दिल्ली । 2022 का चुनाव देश की राजनीति को बदलने वाला रहा तो इसने कई नेताओं के राजनीतिक करियर पर भी सवालिया निशान खड़े कर दिए। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ उनके सियासी दुश्मन नवजोत सिंह सिद्धू, अकाली दल के सर्वेसर्वा सुखबीर बादल और सीएम चन्नी चुनाव हार गए हैं। उधर उत्तराखंड में सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व सीएम हरीश रावत भी औंधे मुंह गिरे हैं।

79 वर्षीय अमरिंदर सिंह को पटियाला (शहरी) से आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार अजीतपाल सिंह कोहली ने 19,873 मतों के अंतर से हराया। अमरिंदर सिंह ने पिछले साल मुख्यमंत्री पद से हटाये जाने के बाद कांग्रेस छोड़ दी थी और बाद में अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया था। उन्होंने भाजपा और सुखदेव सिंह ढींढसा के नेतृत्व वाली शिअद (संयुक्त) के साथ गठबंधन में राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा था।

कांग्रेस की पंजाब ईकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को बृहस्पतिवार को अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा। आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार और राजनीति में नया चेहरा जीवनज्योत कौर ने सिद्धू को 6,750 मतों के अंतर से हरा दिया। शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया तीसरे नंबर पर रहे। उन्होंने भी इसी सीट से चुनाव लड़ा था। सिद्धू ने अपनी हार स्वीकार कर ली है।

कांग्रेस के मुख्‍यमंत्री उम्‍मीदवार चरणजीत सिंह चन्‍नी दो विधानसभा क्षेत्रों से किस्‍मत अजमा रहे थे। रूपनगर जिले के चमकौर साहिब के साथ बरनाला जिले के भदौर से वो चुनाव मैदान में थे। चुनाव के दौरान जब उनके पूछा गया कि अगर दोनों सीटों से चुनाव जीतते हैं तो किस सीट को छोड़ेंगे और कौन-सी सीट से विधायक रहेंगे। उनका कहना था कि चमकौर साहिब सीट छोड़ देंगे। वो भदौर सीट से संबंध रखते हैं, इसलिए यह सीट अपने पास रखेंगे। लेकिन उनकी आस अधूरी रह गई।

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