श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव में परिवारवाद को नकारा जनता ने 

रघु ठाकुर

श्रीलंका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में श्री अनूरा राष्ट्रपति के पद पर चुने गए हैं और उनके मतों में जो 2019 में मात्र 3.6% थे भारी बढ़ोतरी  हुई है। हालांकि श्रीलंका के संविधान के अनुसार उनके मत भी 42.3%थे अतः पुनः मतगणना में श्री प्रेमदासा के द्वितीय वरीयता के मत मिले।  उनको द्वितीय वरीयता के मत  मिले और अनुरा ने जीत हासिल कर राष्ट्रपति का पद अपने हाथ में लिया है ।इन चुनाव परिणाम के जो संकेत है वह भी अच्छे हैं।एक तो इन चुनाव परिणाम में जनता ने याने श्रीलंका के मतदाताओं ने परिवारवाद को भी पराजित  किया है  श्री नमल राजपक्षे जो राजपक्षे परिवार के हैं को पिछले चुनाव में 52 प्रतिशत से अधिक मिले थे पर इस बार उन्हें मात्र ढाई परसेंट वोट मिले हैं। रानिल राजपक्षे को भी  मात्र सत्रह प्रतिशत वोट मिले ।
श्री अनूरा की जीत एक प्रकार से नौजवानों के उत्साह की जीत है और बदलाव की जीत है। श्री अनूरा के ऊपर अब बड़ी जिम्मेवारियां हैं और उन्हें न केवल श्रीलंका को आर्थिक संकट से निकालना है बल्कि वहां के नौजवानों के लिए रोजगार की व्यवस्था करना है और दक्षिण एशिया के देशों के बीच में एक समुचित संतुलिन बनाने का भी काम है ।लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी श्री अनूरा को  अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करती है और उम्मीद करती है कि उनके नेतृत्व में भारत और श्रीलंका के संबंध सुधरेंगे। श्रीलंका अंतर भाषाई अंतर धर्मी तनाव से मुक्त होगा और हिंसा से मुक्त होकर एक नया सुंदर बुद्ध के दर्शन के आधार का श्रीलंका बनेगा ।(लेखक लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक हैं)

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