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बिहार में मिलकर लड़ सकते हैं पप्पू यादव और चंद्रशेखर आज़ाद! 

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साथ लड़े तो तेजस्वी और नीतीश का खेल बिगाड़ देंगे दोनों सांसद 

अमर ज्योति ने ललकारा चिराग और जीतन राम मांझी को 

भीम आर्मी के अध्यक्ष ने समाजवादियों को बताया दोहरा चरित्र वाला 

बिहार विधानसभा चुनाव में चंद्रशेखर-पप्पू बन सकते हैं किंगमेकर?  

द न्यूज 15 ब्यूरो
नई दिल्ली। बिहार में भले ही तेजस्वी यादव को महागठबंधन ने मुख्यमंत्री पद का दावेदार बना दिया हो, भले ही नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बनने की फ़िराक में हों। पर इन विधानसभा चुनाव में पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव और आज़ाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर के मिलने की ख़बरें आ रही हैं। ये दोनों नेता मिलकर सभी सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। यदि ये दोनों सांसद बिहार के विधानसभा चुनाव में मिलकर लड़ लिए तो न केवल तेजस्वी बल्कि नीतीश कुमार के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।
दरअसल पप्पू यादव और चंद्रशेखर आज़ाद दोनों ही तमाम विरोध के बीच सांसद बने हैं। पप्पू यादव की पार्टी का कांग्रेस में विलय कराने वाले लालू प्रसाद ने पप्पू यादव को कांग्रेस से टिकट नहीं लेने दिया और पप्पू यादव के खिलाफ आरजेडी की ओर से बीमा भारती को लड़ा दिया। ऐसे ही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा दोनों ही अंतिम समय तक चंद्रशेखर आज़ाद को सीट देने का वादा करती रही और नहीं दिया। चंद्रशेखर अपने दम पर नगीना से लोकसभा चुनाव लड़े और जीते भी। दोनों ही नेताओं ने लोकसभा चुनाव में इतिहास रचा। बिहार में जहां सभी दलों की निगाह 16 फीसदी दलित वोट बैंक पर है।
दलितों पर सबसे अधिक पकड़ नीतीश कुमार की मानी जाती है पर दलितों की राजनीति चिराग पासवान, जीतनराम मांझी और अशोक चौधरी जैसे नेता कर रहे हैं। भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष अमर ज्योति पासवान ने एक निजी चैनल को इंटरव्यू देते हुआ कहा कि बिहार में दलितों के ठेकेदार उनके मान सम्मान अधिकार की लड़ाई कहीं नहीं दिखाई देते। जब बिहार में एससीएसटी एक्ट के खिलाफ आंदोलन हल रहा था तो ये नेता कहां थे ? जब आरक्षण के वर्गीकरण मामले में आंदोलन चल रहा था तो ये नेता कहां थे ? जब संविधान बचाने की लड़ाई लड़ी जा रही थी तो ये नेता कहां थे। उनका कहना है कि बिहार में भी दलितों के मान सम्मान और अधिकार की लड़ाई भीम आर्मी लड़ रही है।
उन्होंने समाजवादियों पर दोहरा चरित्र होने का आरोप लगा दिया। ये नेता खुलकर बीजेपी और आरएसएस के सामने नहीं लड़ सकते हैं। बिना अम्बेडकरवादियों को साथ लिए बिना आरएसएस और बीजेपी से नहीं लड़ा जा सकता है। उन्होंने बिहार में तेजस्वी यादव और यूपी में अखिलेश यादव को चैलेंज दिया कि ये नेता अपने प्रदेश के अलावा दूसरे प्रदेशों में दस हजार की भीड़ जुटा कर दिखाएं।