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ओवरलोड ट्रैक्टर जिमदारी घाट पीपापुल से नदी में गिरी

 दो दिनों में दूसरी घटना

राजापाकर ।संजय श्रीवास्तव ।

बिदुपुर प्रखंड अंतर्गत जिमदारी घाट पीपापुल पर मंगलवार को एक सरिया लदी ओवरलोड ट्रैक्टर असंतुलित होकर नदी में गिर गई। यह घटना बीते दो दिनों में दूसरी बार हुई है, जब ओवरलोडिंग के कारण वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। सोमवार को भी एक भूसे और गेहूं से लदी पीकप वाहन पुल से नदी में जा गिरी थी, जिसे काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया।

लगातार हो रही ऐसी घटनाएं न केवल पुल की जर्जर स्थिति को उजागर करती हैं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करती हैं। बावजूद इसके, प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

 

पुल की स्थिति और दुर्घटनाओं का कारण:

 

जिमदारी घाट पीपापुल की निर्माण गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। नदी पर बिछाए गए ड्रम और उन पर लगे प्लेटें समतल नहीं हैं, जिससे वाहन चलने पर पुल पर करीब डेढ़ फीट का उछाल आता है। इस स्थिति में दोपहिया और चौपहिया वाहनों से सफर जोखिमभरा हो गया है।

स्थानीय कथित ठेकेदारों द्वारा पैसों के बदले भारी ओवरलोड वाहनों को पासिंग दिया जाता है, जिससे पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। अब पुल के कई हिस्से—जैसे चेकई प्लेट, गर्डर और नट-बोल्ट—निरंतर टूट-फूट की स्थिति में हैं।

 

प्रशासनिक चुप्पी और तकनीकी चेतावनी:

 

बिहार राज्य पुल निगम के वरीय परियोजना अभियंता ने इस विषय को गंभीर मानते हुए एसडीओ, समाहर्ता, आरक्षी अधीक्षक और परिवहन पदाधिकारी को सूचित किया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि पीपापुल की अधिकतम भार क्षमता 5 मीट्रिक टन है, जिसकी जानकारी पुल पर लगे सूचनापट्ट पर भी अंकित है। फिर भी जबरन भारी वाहनों का परिचालन जारी है, जिससे पुल के संरचनात्मक तत्वों को नुकसान पहुंच रहा है।

 

पुल जीर्णोद्धार की मांग तेज:

 

बिदुपुर के कुमार मनीष भारद्वाज ने बताया कि पुल का जीर्णोद्धार कार्य किया जाना है और इसके लिए पुल निगम के कर्मी भी सक्रिय हैं, लेकिन आवागमन कर रहे लोग और ओवरलोड वाहन चालक उनकी बात नहीं मानते। उन्होंने एसडीओ से अतिरिक्त प्रशासनिक सहयोग मांगा है ताकि इस पुल पर ओवरलोडिंग पर रोक लगाई जा सके।

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