तुरकौलिया। बेतिया राज की जमीन से किसानों को बेदखल करने की साज़िश बंद करने, जमीन पर लगे प्रतिबंध वापस करने, फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने व 60 वर्ष के अधिक उम्र के किसानों को 3000 रुपए पेंशन देने की चार सूत्री मांगों को लेकर सपही पंचायत भवन परिसर में रविवार को किसान संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में किसान कंवेंशन का आयोजन किया गया। अध्यक्षता रामबचन तिवारी ने किया। जहां कंवेंशन को संबोधित करते हुए एमएलसी महेश्वर सिंह ने कहा कि बेतिया राज के जमीन को सरकार अपनी जमीन समझ रही है। जबकि कई दशकों से यह जमीन किसानों के कब्जे में है। सरकार बिना मतलब किसानों को परेशान कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे को वह विधान परिषद में भी सवाल उठा चुके हैं। किसानों को जबतक उनका हक नही मिलेगा तबतक वह किसानों के हकहकूक की लड़ाई लड़ते रहेंगे। वही पूर्व विधायक त्रिवेणी तिवारी ने कहा कि बेतिया राज के जमीन कई प्रकार के हैं। लेकिन इधर विहार सरकार नया कानून बनाकर बेतिया राज के सभी जमीन को अपनी संपत्ति समझ रही है। लेकिन सरकार का यह सपना कभी पूरी नही होगी। अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ेंगे। लेकिन धरती माता को कभी अपने से अलग नही होने देंगे। वही रामबचन तिवारी, रामचंद्र कुशवाहा, गिरजानंद राय, रामप्रवेश सहनी, हीरालाल प्रसाद कुशवाहा, सत्येंद्र नाथ तिवारी, शंभू यादव, रविन्द्र सिंह, कामेश्वर राम, आदि किसान नेताओं ने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दे पर ध्यान नही दे रही है। उद्योगपति का ऋण तो माफ करतीं है लेकिन किसानों का उनको चिंता नही है। पूर्व विधायकों के पेंशन में बढ़ोत्तरी और लोकसभा सदस्यों के वेतन में वृद्धि करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त राशि है। लेकिन किसानों को 3 हजार पेंशन देने के लिए इनके खजाने में धन नही है। उलटे अब किसानों के जमीन हड़पने की साज़िशभी रची जा रही है। सरकार केवल समाज में उन्माद फैलाने के चक्कर में हिंदू मुस्लिम करने में जुटी रहती है। इन नेताओ का कहना था कि जबतक हम लोगों के मांग को सरकार नही मानेगी तबतक आंदोलन जारी रहेगा। मौके पर कपिल देव यादव, राजन कुमार मुन्ना, रामप्रेखा सिंह, दारोगा सिंह, सत्यनारायण सिंह, मोहन महतो, जयलाल राम, राजकिशोर सिंह सहित सैकड़ों किसान मौजूद थे।
किसान कन्वेंशन कार्यक्रम का आयोजन
