मुजफ्फरपुर। जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में थियोसोफिकल लॉज, नया टोला में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर व्याख्यानमाला और काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता चित्तरंजन सिन्हा कनक ने की। कार्यक्रम का मुख्य विषय “हिंदी: एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज” था।
जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रधानमंत्री उदय नारायण सिंह ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि हिंदी आज वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रही है। उन्होंने इसे सवा अरब से अधिक लोगों की भाषा बताते हुए कहा कि यह हिंदी की प्रतिष्ठा का प्रतीक है।
विभिन्न वक्ताओं ने हिंदी के प्रचार-प्रसार और इसे वैश्विक स्तर पर सुदृढ़ बनाने पर बल दिया। समीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिन्हा ने कहा कि हिंदी में “कशिश” लाने के लिए उसके प्रचार और प्रसार को और तेज़ करना होगा। डॉ. प्रियंवदा दास ने सरकार से विदेशों में सांस्कृतिक निदेशालय स्थापित करने की मांग की, जिससे हिंदी को गति मिले।
कार्यक्रम के दौरान प्रेम कुमार वर्मा, डॉ. हरि किशोर प्रसाद सिंह, डॉ. बी के मल्लिक, और अन्य वक्ताओं ने हिंदी को वैश्विक भाषा बनाने के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
दूसरे सत्र में आयोजित काव्य गोष्ठी में कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कविताओं और तालियों की गूंज से कार्यक्रम स्थल का वातावरण उल्लासपूर्ण हो गया।
अध्यक्षीय संबोधन के बाद धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रचार मंत्री गणेश प्रसाद सिंह ने हिंदी के विकास और उसके प्रति समर्पण का आह्वान किया।
कार्यक्रम के सफल आयोजन के साथ ही विश्व हिंदी दिवस के इस विशेष आयोजन का समापन हुआ।