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मंत्री पद पर तरह-तरह के कॉमेंट कर रहा विपक्ष

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राम नरेश

पटना। लोकसभा चुनाव 2024 के रिजल्ट आने के बाद बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर सहयोगी दल की बांछे खिल गई थी। खासकर तेलगु देशम पार्टी और जनता दल यू की। तब राजनीतिक विश्लेषक भी यह कहने लगे कि टीडीपी और जदयू किंग मेकर की भूमिका में हैं। मंत्रियों की संख्या और विभाग में चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार की चलेगी। ऐसा इसलिए इन दोनों नेताओं के पास बार्गेनिंग कैपिसिटी ज्यादा है।

तेलगु दशम के 16 सांसद और नीतीश कुमार के 12 सांसद बीजेपी के 240 सांसदों की मेहनत पर पानी फेर सकते हैं। पर हालात वैसे नहीं बन पा रहे हैं। जदयू के 12 सांसद और भाजपा के 12 सांसद। पर भाजपा के चार मंत्री और जदयू के दो मंत्री। संख्या कम पर विभाग बढ़िया होता तो भी जदयू का दबदबा माना जाता। पर विभाग भी जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को मिला तो पंचायती राज और पशुपालन। रामनाथ ठाकुर को तो राज्य मंत्री बनाकर उनकी सीमा तय कर दी।

एनडीए में इस बार बीजेपी के बाद सबसे ज्‍यादा सीटें चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी को मिली। टीडीपी ने 16 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की पर उनके खाते में सिर्फ 1 कैबिनेट मंत्री और 1 राज्‍य मंत्री का पद आया। टीडीपी के राम मोहन नायडू ने कैबिनेट मंत्री और डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी को राज्‍य मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है।

हालांकि सहयोगी दलों की तरफ से मंत्रिमंडल की संख्या और बेहतर विभाग नहीं मिलने पर केवल एनसीपी की प्रतिक्रिया जरूर मिली। पर जदयू और टीडीपी की तरफ से कुछ भी नकारात्मक टिप्पणी नहीं आई है। लेकिन असंतुलित नमो के मंत्रिमंडल पर विपक्ष जरूर हमलावर है।

कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले जंबो कैबिनेट बनाया पर सहयोगी दल खासकर बिहार इनकी प्राथमिकता में नहीं है। उम्मीद थी कि बिहार को इस बार रेलवे मिलेगा, पर रेलवे तो दूर किसी भी सांसद को ऐसा मंत्रालय नहीं मिला जिससे बिहार का विकास हो सके।

बिहार को अक्सर रेलवे विभाग मिलता रहा है और इस विभाग में अच्छा काम किया है। फिर भी बिहार के किसी भी सांसद को यह मंत्रालय नहीं दिया गया। इस पूरे मंत्रिमंडल पर नरेंद्र मोदी ने जैसा चाहा किया। वैसे राज्य भी इनकी प्राथमिकता नहीं जहां विकास होना है। जबकि होना यह चाहिए कि जो राज्य पीछे छूट गए हैं उन्हें प्राथमिकता पर रखा जाना चाहिए।

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई ध्यान नहीं दिया। बिहार से जीते सांसद को मंत्री तो बनाया पर विभाग देने में कोताही बरती गई है। ऐसा लगता है कि विभाग के नाम पर झुनझुना थमाया गया है।

वैसे विभाग देना तो प्रधानमंत्री का अधिकार है कि किस को क्या विभाग देते हैं। लेकिन बिहार की वजह से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री तो बने पर अच्छा मंत्रालय बिहार के सांसदों को नहीं दिया गया। केवल झुनझुना थमाया गया है।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने विभागों के बंटवारे में सहयोगी दल का ख्याल नहीं रखा। एनडीए के घटक दलों के हिस्से में सिर्फ ‘झुनझुना मंत्रालय’ आया। सहयोगी दलों को न गृह, न रक्षा, न वित्त, न विदेश, न वाणिज्य। न सड़क, न रेल, न शिक्षा, न स्वास्थ्य। न कृषि, न जलशक्ति और न पेट्रोलियम न दूरसंचार। एनडीए के घटक दलों के साथ खानापूर्ति की गई। बहुते बेइज्जती है।