विधानसभा चुनाव कराने वाले ही लोकतंत्र के अपने अधिकार से रहे दूर, चुनावी ड्यूटी में लगे 770 टैक्सी चालक नहीं डाले वोट

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द न्यूज 15

पिथौरागढ़। विधानसभा चुनाव 2022 में करीब 39 फीसदी मतदान कम हुआ है। कम मतदान के पीछे वोटरों के साथ सरकारी मशीनरी की लचर व्यवस्था भी बड़ी वजह बनी है। आमजन के साथ ही चुनाव संपन्न करा रहे सैकड़ों मतदाता प्रशासन की लापरवाही के कारण मतदान से वंचित रह गए।
चुनाव ड्यूटी में लगे टैक्सी चालकों को तो मतदान करने का मौका ही नहीं दिया गया। वहीं, कई बूथों में लोग मतदान करने पहुंचे भी तो उन्हें अपने नाम मतदाता सूची से गायब मिले। जनपद की चारों विधानसभा सीट में इस बार 14 फरवरी को 60.31 फीसदी मतदान हुआ है, जो वर्ष 2017 की अपेक्षा 0.27 फीसदी कम है।
मतदान का यह प्रतिशत बढ़ भी सकता था, अगर प्रशासन ने गंभीरता दिखाई होती। दरअसल, मतदान के दिन कई मतदाता बूथ तक पहुंचे, लेकिन मतदाता सूची में नाम न होने से उन्हें मायूस होकर घर लौटना पड़ा। मिली जानकारी के मुताबिक चारों विधानसभा सीटों में करीब दो हजार मतदाता, सूची में नाम न होने से वे वोट नहीं डाल सके।
धारचूला के दूरस्थ कुरीला में तो एक ही गांव के 40 से 50 लोगों के नाम सूची से गायब मिले। सामाजिक कार्यकर्ता सोनू मर्तोलिया ने कहा प्रत्येक चुनाव में ऐसे ही 50 से अधिक गांव के लोगों के नाम गायब होते हैं। उन्होंने बीएलओ की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा गांव तक सड़क सुविधा नहीं है। शायद इस कारण सरकारी कर्मचारी मतदाता सूची को अपडेट करने को गांव तक नहीं पहुंचते।
मतगणना में तीन दिन शेष, कर्मचारियों तक नहीं पहुंचे बैलेट पेपर
पिथौरागढ़। चुनाव ड्यूटी में लगे 2742 कर्मचारियों के सापेक्ष कई कर्मचारियों के पास पोस्टल बैलेट पेपर अब तक नहीं पहुंचे हैं। जबकि मतगणना में अब केवल तीन दिन का समय शेष रह गया है। नाम न बताने की शर्त पर एक सरकारी विभाग में तैनात कर्मचारी ने कहा उन्हें अब तक पोस्टल बैलेट नहीं मिला है।
कहा उनके अन्य कई साथी भी इस समस्या से जूझ रहे हैं। पोस्टल बैलेट पेपर न पहुंचने से वे लोग मतदान से वंचित हो गए हैं। इधर, प्रशासन के पास बीते शुक्रवार तक चुनाव ड्यूटी में लगे 2190 कर्मचारियों के पोस्टल बैलेट पेपर पहुंचे हैं। यानि की 552 कर्मचारियों का मतदान होना अभी बाकी है।

टैक्सी चालकों से चुनाव ड्यूटी कराई, मतदान कराना भूले : जनपद के 770 टैक्सी चालक इस बार अपने लोकतांत्रिक कर्तव्य का पालन नहीं कर सके। टैक्सी यूनियन के मुताबिक प्रशासन ने चुनाव संपन्न कराने को 770 टैक्सियों का अधिग्रहण किया है। चुनाव ड्यूटी में लगे चालकों के लिए प्रशासन ने मतदान की कोई व्यवस्था नहीं की। दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में होने के कारण चालक मतदान नहीं कर सके।
बैलेट पेपर न पहुंचने के यह हो सकते हैं कारण : प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव ड्यूटी में लगे सभी 2742 कर्मचारियों को वाया पोस्ट कर पोस्टल बैलेट पेपर भेजे गए हैं। संभावना है डाक में देरी होने के कारण कर्मचारियों तक बैलेट पेपर न पहुंचे हो। इसके अलावा आवेदन में देरी और अधूरे दस्तावेज के कारण भी बैलेट पेपर कर्मचारियों तक न पहुंचे हों।
विधानसभा चुनाव 2022 में 770 वाहन चालकों की चुनाव ड्यूटी लगाई गई। किसी भी वाहन चालक ने मतदान नहीं किया। प्रशासन को वाहन चालकों के लिए भी मतदान की व्यवस्था करनी चाहिए थी।
नवल किशोर, अध्यक्ष टैक्सी यूनियन पिथौरागढ़
कुरीला के 50 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में नहीं थे। इस कारण लोग मतदान नहीं कर सके। लोकसभा चुनाव के दौरान भी कुछ यहीं स्थिति रही थी। चुनाव से पूर्व कर्मचारी घर-घर जाकर मतदाता सूची अपडेट करते हैं, फिर भी लोगों के नाम छूट जाते हैं, यह समझ से परे है।
सोनू मर्तोलिया, सामाजिक कार्यकर्ता कुरीला धारचूला : मतदान ड्यूटी में लगे सभी वाहन चालकों व कर्मचारियों के लिए मतदान की व्यवस्था की गई थी। उन्होंने इसके लिए स्वयं जागरूकता दिखानी चाहिए। जहां तक मतदाता सूची से नाम गायब होने की बात है, इसके लिए निर्वाचन आयोग हर चुनाव से पहले नाम दर्ज करने की कार्रवाई करता है। लोगों को खुद जागरूक होकर मतदाता सूची में नाम दर्ज कराना चाहिए।
डॉ. आशीष चौहान, जिला निर्वाचन अधिकारी, पिथौरागढ़

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