यूपी में महिला कामगारों की दादाद पुरुषों से अधिक हो गई है। ई-श्रम पोर्टल के ताजा आंकड़े बताते हैं कि काम के लिए अब पहले से कहीं अधिक महिलाएं बाहर निकलने लगी हैं प्रदेश की तस्वीर बदल रही है। यूपी में घर की चहारदीवारी की दुनिया में महिलाओं की दखल पहले से कहीं ज्यादा बढ़ी है। यहां तक कि पुरुषों से भी ज्यादा महिलाएं अब काम के लिए निकलने लगी है। ई-श्रम पोर्टल के ताजा आंकड़े बताते हैं कि कुल कामगारों में महिलाओं की तादाद 52.36 हो गई है। अब तक अपडेट आंकड़ों के अनुसार पुरुष कामगार 3.94 करोड़ हैं, जबकि महिला कामगारों की संख्या 4.34 करोड़ हो गई है। 2.77 करोड़ महिलाएं अपना घर चलाने को घरेलू काम कर रही हैं। यह आंकड़े बता रहे हैं कि यूपी की महिलाओं का स्वावलम्बन के लिए घर से निकलना बढ़ा है।
ज्यादा आबादी तो ज्यादा कामगार : ई श्रम पोर्टल पर रजिस्टेशन कराने में आबादी के मुताबिक यूपी पहले पायदान पर है। अब तक देश में 28.12 करोड़ कामगार पंजीकृत हुए हैं, इनमें यूपी की हिस्सेदारी 8.29 करोड़ दर्ज की गई है। ई-श्रम पोर्टल में गुरुवार को टॉप फाइव राज्यों की सूची जारी की गई। इसमें यूपी के बाद बिहार, पंजीकृत हुए हैं, इनमें यूपी की हिस्सेदारी 8.29 करोर्ड दर्ज की गई है। ई-श्रम पोर्टल में गुरुवार को टॉप फाइव राज्यों की सूची जारी की गई। इसमें यूपी के बाद बिहार, महिला कामगारों की कुल संख्या में भी यूपी सभी राज्यों से बहुत आगे है। यूपी की महिला कामगार कृषि, घरेलू कामकाज, बिल्डिंग-हस्तनिर्मित उत्पाद निर्माण, परिधान, लेदर, शिक्षा, हेल्थकेयर, फूड इंडस्ट्री, ज्वैलरी, प्रिटिंग, म्यूजिकल उपकरण के निर्माण क्षेत्र, संगठित रिटेल क्षेत्र में, टेक्सटाइल-हैंडलूम, ऑटोमोबाइल-ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में काम करने लगी हैं। वे अपने पैरों पर खड़े होने के लिए छोटे-बड़े हर काम को कमर कस रही हैं। सात साल पहले लेदर इंडस्ट्री में यूपी में 11 लाख कामगार पंजीकृत थे। अब यह आंकड़ा 19 लाख पार कर गया है। इसमें महिलाओं की संख्या सात लाख दर्ज की गई है। पहले यह संख्या 2.78 लाख थी।