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अब योगी सरकार की जिमो, सैलूनों और टेलर के दुकानों पर पैनी निगाह

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चरण सिंह
उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विशेेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। एक ओर जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पुलिस प्रशासन को टाइट कर रखा है वहीं दूसरी ओर महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने भी कमर कस ली है। टेलर, ट्रेनर और नाई की दुकानों पर महिलाअेां के साथ होने वाली छेड़खानी को रोकने के लिए बड़े स्तर पर काम किया ज रहा है। दरअसल एक मीटिंग में बबीता चौहान ने महिलाओं के कपड़े सिलने, जिम और बाल काटने के लिए महिला कर्मचारियों की नियुक्त की बात कही है। ऐसे में कपड़ों का नाप लेने, बाल काटने और जिम कराने के नाम पर कोई व्यक्ति महिलाओं को कुदृष्टि नहीं रख पाएगा।
दरअसल यह माना जाता है कि महिलाओं के कपड़ों के नाप लेने जिम कराने और बाल काटने के मामलों में छेड़छाड़ के मामले देखन को मिलते रहेे हैं। ऐसे में यह माना जाता है कि महिलाओं से संबंधित काम में महिलाओं की नियुक्ति क्यों न हो। क्यों महिलाओं के मामले में पुरुषों को दूर रखा जाए। देखने की बात यह है कि बाल काटने और महिलाओं के कपड़े सिलने का काम करने वाले अधिकतर मुसलमान ही देखे जाते हैं। तो क्या बीजेपी सैलूनों, जिमों और टेलरों की दुकानों में महिला कर्मचारी नियुक्त करने जा रही है।
दरअसल योगी आदित्यनाथ महिलाओं की अस्मत को लेकर बहुत गंभीर हैं। छेड़छाड़, रेप और गैंगरेप के मामलों में योगी आदित्यनाथ किसी को बख्श नहीं रहे हैं। महिलाओं से संबंधित अपराध के मामले में योगी सीधे बुलडोजर चलवा दे रहे हैं। यही वजह है कि महिलाओं का अधिकतर वोट बीजेपी बटोर ले जाती है। यही वजह रही कि मुजफ्फरपुर मीरापुर में उप चुनाव में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जहां दिखे सपाई वहीं हमारी बिटिया घबराई। मतलब योगी आदित्यनाथ यह भी संदेश दे रहे हैं कि सपा के राज में महिलाएं सुरक्षित नहीं थी।
योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में गैंगरेप और कन्नौज में रेप के प्रयास का मुद्दा मीरापुर से ऐसे ही नहीं उठाया है। उन्होंने लोगों को यह संदेश दिया है कि समाजवादी पाटी में किस तरह से विभिन्न मामलों के आरोपी हैं। जिस तरह ताकत का इस्तेमाल महिलाओंं की अस्मत से खिलवाड़ करने में देखा जाता है। दरअसल बीजेपी का प्रयास होता है कि मामला कोई भी हो किसी भी तरह से उसे हिन्दू मुस्लिम बना दिया जाए। मीरापुर में मुजफ्फरनगर दंगों के मामले को उठाकर योगी आदित्यनाथ ने दंगे के पुराने घावों को हरा कर बड़ा दांव खेला है। वह जानते हैं कि बिना हिन्दू मुस्लिम बनाये चुनाव जीता नहीं जा सकता है। यही वजह है कि वह बटेंगे तो कटेंगे का नारा देकर चुनाव को हिन्दू-मुस्लिम में बदलना चाहते हैं।