
नई दिल्ली/इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में हिंदू पर्यटकों की निर्मम हत्या ने भारत को सख्त रुख अपनाने पर मजबूर कर दिया। भारत सरकार ने इस नरसंहार के पीछे कार्यरत आतंकियों और उनके आकाओं को सबक सिखाने का संकल्प लिया है। इसके बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हलचल पैदा हो गई है। इस बीच पाकिस्तानी सेना ने रावलपिंडी में बैठक की। इस मीटिंग में जनरल असीम मुनीर सहित उच्च सैन्य अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान असीम मुनीर सहित उच्च सैन्य अधिकारी गंभीर के चेहरे पार टेंशन झलक रही थी।
कॉर्प्स कमांडर कॉन्फ्रेंस में जनरल असीम मुनीर ने कहा कि “पाकिस्तान की सेना मातृभूमि की रक्षा के लिए एकजुट है। भारत की अस्थिरता फैलाने की कोशिश सफल नहीं होंगी. उन्होंने तीखे बयान दिए, लेकिन तनाव की झलक हर किसी के चेहरे से साफ पढ़ी जा सकती थी। बैठक से जुड़ी एक तस्वीर में साफ देखा जा सकता था कि टेबल पर भूरी डायरी, कागज और लैपटॉप रखे हुए थे। इससे साफ प्रतीत हो रहा था कि मौजूदा स्थिति को लेकर गहन सोच-विचार चल रही थी। चेहरों की रंगत और आंखों की भाषा में साफ नजर आ रहा था कि भारत की जवाबी कार्रवाई ने उन्हें चौकन्ना और चिंतित कर दिया है।
सिंधु जल संधि निलंबन: पाकिस्तान के लिए बड़ी चिंता
भारत के सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले के बाद पाकिस्तान की प्रतिक्रिया तीव्र रही है। पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल मुनीर ने कहा कि भारत पानी को हथियार बना रहा है, जिससे हमारी 240 मिलियन की आबादी प्रभावित होगी। पाकिस्तान ने इस कदम को युद्ध की कार्रवाई ठहराया है और कहा कि ये क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है। हालांकि, भारत ने पहलगाम हमले के बाद ये साफतौर पर कह दिया है कि अब कोई भी आतंकी हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए भारत ने लाइन ऑफ कंट्रोल पर अपनी सैन्य तैनाती को और मजबूत कर दिया है. LoC पर रात के समय निगरानी और ड्रोन पैट्रोलिंग में इजाफा किया गया है।