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अब 11 दिसंबर तक चलेगा पुरुष नसबंदी पखवाड़ाअब तक छह पुरुषों व 123 महिलाओं ने करायी नसबंदी नियोजित परिवार खुशहाली का आधार

पखवाड़ा
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सीएमओ
आईयूसीडी और अंतरा में भी रुचि ले रही हैं महिलाएं

नोएडा, 4 दिसम्बर 2021। परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत चलाए जा रहे पुरुष नसबंदी पखवाड़ा को एक सप्ताह और बढ़ा दिया गया है। अब यह 11 दिसम्बर तक चलेगा। 22 नवम्बर से शुरू हुए पुरुष नसबंदी पखवाड़ा में चार दिसम्बर तक जनपद में स्वेच्छा से छह पुरुषों ने नसबंदी करायी। इसी दौरान 123 महिलाएं भी नसबंदी कराने के लिए आगे आयीं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने बताया- शनिवार (चार दिसम्बर) तक चलने वाले पुरुष नसबंदी पखवाड़ा को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उ.प्र की निदेशक अपर्णा उपाध्याय के निर्देश पर एक सप्ताह और बढ़ा दिया गया है। अब यह 11 दिसंबर तक चलेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया जनपद में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान परिवार नियोजन संबंधी स्थाई और अस्थाई सभी सेवाएं रोजाना ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। जनपद में पखवाड़ा के दौरान अब तक (चार दिसम्बर) छह पुरुष नसबंदी (एनएसवी) करायी गईं हैं। इसके साथ ही परिवार नियोजन कार्यक्रम में महिलाओं ने भी भागीदारी की है। इसी पखवाड़ा में 123 महिलाओं ने भी नसबंदी करायी है। उन्होंने कहा- नियोजित परिवार ही खुशहाली का आधार है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भारत भूषण ने कहा- समाज में परिवार नियोजन को लेकर एक आम धारणा है कि यह कार्यक्रम जनसंख्या नियंत्रण के लिए चलाया जाता है, जबकि इस कार्यक्रम का उद्देश्य दो बच्चों के बीच सुरक्षित तीन साल का अंतर और अपने संसाधनों के मुताबिक परिवार को नियोजित करने के लिए प्रेरित करना है। दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतर मां और बच्चे, दोनों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा परिवार नियोजन के स्थाई साधन अपनाने में महिलाएं पुरुषों से आगे हैं। इस मामले में पुरुषों को भी आगे आना चाहिए और बराबर की जिम्मेदारी निभानी चाहिए। पुरुष नसबंदी एक मामूली सी शल्य क्रिया है। इसका पुरुषों के स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता।
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया जनपद में पुरुष नसबंदी पखवाड़े के दौरान अब तक अपना परिवार पूरा कर चुके छह पुरुषों ने स्वेच्छा से नसबंदी कराई है। इसी दौरान 123 महिलाओं ने भी परिवार नियोजन का स्थाई साधन (नसबंदी) अपनाया। इसके अलावा परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में 221 महिलाओं ने आईयूसीडी, 157 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी, तीन महिलाओं ने पीएआईयूसीडी, 191महिलाओं ने गर्भ निरोधक इंजेक्शन “अंतरा” पर भरोसा जताया है। 1151 महिलाओं को गर्भनिरोधक गोली छाया, और 1162 को माला-एन वितरित की गई। इसके अलावा 277 ईसीपी और 6050 से अधिक कंडोम वितरित किए गए।