अब उत्तर भारत को मिलेंगे छात्र नेता

उत्तर प्रदेश और बिहार में छात्र संघ चुनाव को मिली हरी झंडी

चरण सिंह
पटना/लखनऊ/नई दिल्ली। तो क्या उत्तर भारत को फिर से छात्र नेताओं के रूप में युवा नेतृत्व मिलने जा रहा है। तो क्या राजनीतिक दलों को युवा नेतृत्व की चिंता जताने लगी है। जिस तरह से उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के 36 वें दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्र संघ चुनाव की वकालत की। विश्वविद्यालयों से छात्र संसद गठन की बात की। जिस तरह से बिहार में पटना यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव कराने को लेकर गंभीरता देखी गई। राजभवन में विश्वविद्यालयों के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने छात्र संघ चुनाव को हरी झंडी दे दी है। बाकायदा राजभवन से एक्स हैंडल से यह जानकारी दी गई है। इस जानकारी के अनुसार दिसंबर और जनवरी में पटना विश्वविद्यालय में परीक्षा होनी है। ऐसे में पटना यूनिवर्सिटी में फरवरी मार्च में छात्र संघ चुनाव कराए जा सकते हैं। दरअसल 2022 के बाद पटना यूनिवर्सिटी में चुनाव नहीं हुए थे। यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव कराने को लेकर आंदोलन चल रहा था।
दरअसल बिहार में 23 मुख्यमंत्रियों में से 16 मुख्यमंत्री पटना यूनिवर्सिटी पढ़कर निकले हैं। हां छात्र संघ चुनाव से लालू प्रसाद ही निकले थे। हां लालू प्रसाद यादव के साथ ही चाहे नीतीश कुमार हों, सुशील मोदी हों, रविशंकर प्रसाद हों, नरेंद्र सिंह हों तमाम नेता नेता छात्र नेता रहे हैं। यदि पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की बात करेंगे तो 1956 में छात्र संघ की स्थापना हुई थी। 1968 तक अप्रत्याशित रूप से छात्रों का चुनाव होता रहा। 1970 में प्रत्यक्ष रूप से छात्र संघ चुनाव हुआ। तब लालू प्रसाद महासचिव बने थे। अगले साल वह अध्यक्ष पद के लिए खड़े हुए तो कांग्रेस के रामजतन सिन्हा ने से वह हार गये। तब नरेंद्र सिंह महासचिव बने थे। 1973 के चुनाव में लालू प्रसाद छात्र संघ के अध्यक्ष बने। तब बीजेपी के सुशील कुमार मोदी महासचिव और रवि शंकर प्रसाद सहायक महासचिव बने थे।
1977 में अश्विनी चौबे छात्र संघ के अध्यक्ष बने तो 1980 में अखिलेश सिंह। 1980 के बाद छात्र संघ चुनाव के नाम पर हिंसा होने लगी तो 1868 से 2012 तक छात्र संघ चुनाव नहीं हुए। 2012 में 28 साल बाद फिर से छात्र संघ चुनाव हुए और आशीष कुमार सिन्हा छात्र संघ के अध्यक्ष बने। 2012 यदि कोरोना महामारी छोड़ दें तो 2012 से 2022 तक लगातार चुनाव होते रहे। 2022 में जदयू से आनंद कुमार सिन्हा छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे। पटना यूनिवर्सिटी में छात्र छात्र संघ चुनाव को लेकर आंदोलित थे। अब राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर छात्रों की मांग मान ली है। अब देखना होगा कि फरवरी मार्च में होने वाले छात्र संघ चुनाव में कौन सा छात्र छात्र संघ का अध्यक्ष बनता है।

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