चरण सिंह
जो उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खामियों को गिना रहे थे, सरकार से बड़ा संगठन कहकर सीएम योगी पर निशाना साध रहे थे। जिन केशव प्रसाद मौर्य के पीछे दूसरे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी, विधायक रमेश मिश्रा यहां तक कि अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल भी इस घेराबंदी सक्रिय हो गई थीं। वह केशव प्रसाद मौर्य अब योगी आदित्यनाथ की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे हैं। योगी आदित्यनाथ को देश का सबसे अच्छा मुख्यमंत्री बता रहे हैं। ऐसे में यह प्रश्न हर किसी के मन में कौंध रहा होगा कि जब केशव प्रसाद मौर्य के पीछे गृहमंत्री अमित शाह का हाथ बताया जा रहा था तो फिर किसके दबाव में केशव प्रसाद मौर्य को शांत कर दिया गया कि वह योगी आदित्यनाथ की तारीफ करने को मजबूर हो गये।
दरअसल योगी आदित्यनाथ के पक्ष में न केवल आरएसएस बल्कि केंद्र सरकार के मंत्री और भाजपा के कई मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री खुलकर सामने आ गये हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, राव इंद्रजीत सिंह और शिवराज चौहान के खड़े होने की बात समाने आ रही हैं। राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मोर्चा खोलने को तैयार हैं। आरएसएस न केवल उत्तर प्रदेश का विवाद बल्कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर भी गंभीर है। हाल ही में आरएसएस में मोहन भागवत के बाद सबसे पावरफुल नेता दत्तात्रेय होसबले, संगठन महामंत्री बीएल. संतोष, बीजेपी और आरएसएस के बीच समन्वय का काम करने वाले अरुण कुमार, गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की एक बैठक हुई है। इस बैठक में पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया गया कि अब दो नेताओं पर ही बीजेपी केंद्रित नहीं रहने वाली है।
जानकारी मिली है कि बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष आरएसएस की पसंद का होगा। आरएसएस ४ राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव तक मामले को ऐसे ही टाले रखना चाहता है। इसकी बड़ी वजह है कि इन चारों ही राज्यों में बीजेपी की हालत बड़ी खस्ता है। आरएसएस चाहता है कि ये चारों राज्यों के चुनाव इसी नेतृत्व में लड़े जाएं। यदि अध्यक्ष का चयन होने पर चुनाव होता है तो अमित शाह और मोदी को बचाव करने का मौका मिल जाएगा। बीजेपी नेतृत्व जल्द ही अध्यक्ष पद का चुनाव चाहती है। आरएसएस अब दो नेताओं के हाथ में पार्टी की बागडोर नहीं रहने देना चाहता है। अगले साल तक प्रधानमंत्री और गृहमंत्री बदल जाएं तो कोई बड़ा आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
इस समय जब पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका जैसे देशों में अराजकता का आलम है तो देश को सुरक्षित रखने के लिए योगी आदित्यनाथ को केंद्र में लेने की मांग जोर-शोर से हो रही है। दरअसल जो जानकारी मिल रही है कि उसके हिसाब से योगी आदित्यनाथ को बीजेपी का चेहरा बनाने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश उप चुनाव को जीतने के लिए आरएसएस ने सब कुछ टाइट कर रखा है। योगी आदित्यनाथ को खुलकर खेलने की छूट मिल चुकी है। पहले उत्तर प्रदेश और देश में योगी आदित्यनाथ के पीछे सभी नेताओं को खड़ा करने की तैयारी चल रही है। उम्मीद जताई जा रही कि पूर्व सीएम और मौजूदा कृषि मंत्री शिवराज चौहान को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है।