स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों के साथ की बैठक, एचएमआईएस पर रिपोर्टिंग भी हुई अनिवार्य
नोएडा। जनपद में पीएसआई इंडिया के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों के साथ बैठक कर प्रमुख सूचकांकों के बारे में जानकारी दी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में 50 अस्पतालों निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने प्रसव संबंधित जांच, संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन (पोस्ट पार्टम परिवार नियोजन, पोस्ट अबॉर्शन परिवार नियोजन) और नियमित टीकाकरण सहित 24 बिंदुओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उक्त सभी बिंदुओं की रिपोर्टिंग अब हर महीने निजी अस्पतालों को भी करनी होगी।
डॉ शर्मा ने बताया कि जिले में प्रसव से जुड़े 50 प्रमुख निजी अस्पताल हैं। इनमें से जच्चा बच्चा और बाल स्वास्थ्य से जुड़े सूचकांकों पर 18 अस्पताल रिपोर्टिंग कर रहे हैं। मीटिंग के दौरान जिला अपर शोध अधिकारी केके भास्कर ने कहा हौसला साझेदारी कार्यक्रम व आयुष्मान भारत योजना से जुड़े अस्पतालों को विभाग की तरफ से एक फार्मेट दिया गया है जिस पर हर माह रिपोर्ट देनी है। महिलाओं को दी जाने वाली प्रसवकालीन सेवाओं, सी सेक्शन प्रसव, नार्मल प्रसव, शिशु जन्म, शिशु मृत्यु, पुरुष नसबंदी, महिला नसबंदी और बच्चों को लगाये जाने वाले टीके समेत कुल 24 बिंदुओं के बारे में जानकारी दी जानी है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ललित कुमार ने कहा सरकारी अस्पतालों की तरह निजी अस्पतालों से पूर्ण रिपोर्टिंग करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) पर एंटी नेटल केयर सर्विसेज, संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन और बच्चों के नियमित टीकाकरण की रिपोर्टिंग अनिवार्य की गई है। शिशु व मातृ मृत्यु दर रोकने में इन रिपोर्ट्स व आंकड़ों का खास योगदान है। उन्होंने कहा -जब तक निजी क्षेत्र से भी संपूर्ण रिपोर्ट नहीं मिलेगी तब तक जच्चा बच्चा और बाल स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं का संपूर्ण लाभ समुदाय तक नहीं पहुंच सकता। रिपोर्टिंग के अभाव में जिले की रैंकिंग भी प्रभावित होती है। इसी उद्देश्य से निजी अस्पतालों को रिपोर्टिंग के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
बैठक में एचएमआइएस ऑपरेटर और पीएसआई से कोमल घई और विशाल सक्सेना और जे एस आई से यामिनी सक्सेना उपस्थित रहे।