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भरोसा तोड़ने वाले से बड़ा मूर्ख कोई नहीं

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ऊषा शुक्ला

भरोसा तोड़ने वालों से बड़ा कोई मुर्ख नहीं है।किसी का भी भरोसा तोड़ना बहुत ही गलत है यदि किसी का किसी से भी भरोसा टूटता है तो उसके आत्मसम्मान, मनोवृत्ति पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है जो बहुत दुखद होता है अतः किसी का भरोसा नहीं तोड़े।हम अपने पार्टनर पर कई कारणों से भरोसा खो देते हैं, जिनमें दुर्व्यवहार, बेवफाई और धोखा शामिल हैं। एक बार जब भरोसा टूट जाता है तो हम अक्सर बहुत ज़्यादा चिंता और नाराज़गी का अनुभव करते हैं, जो हमारे और हमारे पार्टनर के बीच एक दीवार खड़ी कर सकता है । हम अपने करीबी लोगों से दूर हो सकते हैं और काफी अकेलापन महसूस कर सकते हैं।किसी का भी भरोसा तोड़ना बहुत ही गलत है यदि किसी का किसी से भी भरोसा टूटता है तो उसके आत्मसम्मान, मनोवृत्ति पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है जो बहुत दुखद होता है अतः किसी का भरोसा नहीं तोड़े। भरोसा तोड़ने वाला सबसे बड़ा वह मूर्ख आदमी होता है जो यह नहीं जानता कि वह विश्वास खोकर या भरोसा तोड़ कर इतने बड़े हीरे को खो रहा है। अगर आप पर कोई दिल से विश्वास करता है तो आप उसकी विश्वास को क़ायम रखना चाहिए।अपना स्वार्थ भरे इंसान से क्या भरोसा कर सकते हैं। उसका फायदा होगा तो तुम से बढ़कर अभी कोई नहीं है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो या तुमने किसी ऐसे काम का ज़िक्र कर दिया जिसमें तुम्हें खुशी मिल रही हो या काम बन रहा हो तो स्वार्थी सोच तुम्हारे लिए ना-नुकुर करना सुरू कर देगी। किसी और को ख़ुशी नहीं मिलना चाहिए, उसका काम नहीं होना चाहिए। परेशान देखकर बहुतो को बहुत आनंद आता है।अपना रास्ता खुद बनाना होगा ना कि किसी से उम्मीद लगाकर चलना। अब तो ऐसा हो गया है, जिसे अच्छा समझा जाए वही धोखा देने को तैयार है। खास दोस्त हो, खास रिश्तेदार हो, खुद के घर के लोग हों, पड़ोसी हों, किसे मतलब है आपकी खुशी का, कोन चाहता है कोई आगे बढ़े।यह सारा संसार भरोसे पर ही चल रहा है यह बात और है कि कभी कभी विश्वास पर भी विश्वास नहीं करते । करना विवशता है क्योंकि हम भी भरोसा दिलाया करते हैं कोई हम पर भरोसा करता है । हम यदि भरोसा देना और दिलाना आज अभी बंद करदे तो यह दुनिया यहां पर ही रुक जाएगी । कहां जाता है । दुनिया उम्मीद पर कायम है ।यह सारा संसार भरोसे पर ही चल रहा है यह बात और है कि कभी कभी विश्वास पर भी विश्वास नहीं करते । करना विवशता है क्योंकि हम भी भरोसा दिलाया करते हैं कोई हम पर भरोसा करता है । हम यदि भरोसा देना और दिलाना आज अभी बंद करदे तो यह दुनिया यहां पर ही रुक जाएगी । कहां जाता है । दुनिया उम्मीद पर कायम है ।भरोसा अगर हम किसी पर भरोसा करने के लिए विश्वास करने के लिए अपनी बुद्धि का उपयोग करते हैं तो एक बार हम धोखा खा सकते हैं क्योंकि दूसरे व्यक्ति हम से अधिक बुद्धिमान हुआ तो हमारी बुद्धि उसे पकड़ नहीं पाएगी ।लेकिन यदि यही फैसला हम शांत चित्त से अपने अंतर्मन से करते हैं और हमें उस पर भरोसा है तो हमें कभी पछताना नहीं पड़ेगा चाहे सारी दुनिया उस पर विश्वास ना करें लेकिन यदि हमारा मन उस पर विश्वास कर रहा है तो वह व्यक्ति कभी गलत नहीं हो सकता क्योंकि हमारा मन दूसरे व्यक्ति के मन की ऊर्जा को समझ सकता है उसके मन के विचारों को पढ़ सकता है जिससे हमारे अंतर्मन को उस व्यक्ति के मन के बारे में महसूस हो जाता है कि वह व्यक्ति भरोसे करने लायक है या नहीं इसलिए जिंदगी के ऐसे फैसले हमें ज्यादातर अपने अंतर्मन से करनी चाहिए तो हम जिंदगी में ज्यादा सफल रहते हैं इसलिए ऐसा व्यक्ति जिसके साथ हमें अच्छा महसूस ना हो हमारे मन को अच्छा ना लगे उस पर हमें कभी भरोसा नहीं करना चाहिए।लोग ज्यादातर भावनाओं में बह जाते हैं जब किसी लड़की को संकट में देखते हैं, फिर भी लोगों को जानना चाहिए कि क्या सच मे इसे कोई संकट है जिसमें इसकी गलती भी नहीं हो। और ऐसे में झूठ में हम अपना वक़्त और जज्बात दोनो बर्बाद करते हैं।अच्छी खबर यह है कि धोखा देने जैसे विनाशकारी विश्वासघात के बाद भी, विश्वास को फिर से बनाया जा सकता है । इतना ही नहीं, विश्वासघात अक्सर उस रिश्ते को पुनर्जीवित करने के लिए उत्प्रेरक होता है जो विश्वासघात होने से बहुत पहले गंभीर संकट में था।