
नई दिल्ली/रायपुर। जिस नक्सलवाद को लम्बे समय तक समाप्त न किया जा सका। उस नक्सलवाद को समाप्त करने के जो दावा केंद्र सरकार कर रही है उसके पीछे सरकार की एक बहुत महत्वपूर्ण योजना है। सरकार की जिस योजना ने नक्सलियों को प्रभावित किया है। उस योजना का नाम है ‘नियद नेल्लानार योजना’। इसका अर्थ हिंदी में ‘हमारा स्वच्छ गांव’ है। यह योजना छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों, विशेष रूप से बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर जैसे क्षेत्रों में चलाई जा रही है। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों के गांवों में आधारभूत सुविधाएं जैसे सड़क, स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाना है।
विकास कार्य
14 नए पुलिस कैंपों के 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में विकास कार्य किए जा रहे हैं, जिसे भविष्य में 10 किलोमीटर तक विस्तार देने की योजना है।
कल्याणकारी योजनाएं: आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पीएम आवास योजना, पीएम उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत योजना, और पीएम कौशल विकास योजना का लाभ दिया जा रहा है।
आर्थिक सहायता: सरेंडर करने वाले नक्सलियों को रोजगार के अवसर, 2 लाख रुपये तक जमीन खरीदने के लिए, और 1.5 लाख रुपये तक की ट्रेनिंग के लिए आर्थिक मदद दी जाती है।
2024 में बस्तर डिवीजन में 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें से कई ने ‘नियद नेल्लानार योजना’ से प्रभावित होकर हिंसा का रास्ता छोड़ा। यह योजना नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ने और क्षेत्र में विकास लाने में प्रभावी साबित हो रही है।