
दीपक कुमार तिवारी
पटना/मुंबई। ‘ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ न छोड़ेंगे…’ इस गीत को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सच साबित करते हुए दिख रहे हैं। दरअसल लंबे समय से बिहार में विपक्ष नीतीश कुमार की विश्वसनीयता पर यह कह कर सवाल खड़े करता रहा है कि नीतीश का भाजपा के साथ सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। आज महाराष्ट्र भाजपा के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पद पर शपथ लेंगे। फडणवीस के साथ ही कई और विधायक भी मंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथग्रहण समारोह की तैयारी पूरी कर ली गई है और अब शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए अतिथि मुंबई पहुंचने भी लगे हैं।
फडणवीस के शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, नितिन गडकरी, पियूष गोयल, निर्मला सीतारमण, शिवराज सिंह चौहान, किरण रिजीजू समेत कई दिग्गज मंत्री भी शामिल होंगे। शपथग्रहण समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल होंगे और वे पटना से मुंबई पहुंच भी गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, राज्यसभा सांसद सह जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, मंत्री विजय चौधरी, पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद भी पटना से मुंबई के लिए रवाना हुए हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक लंबे अरसे बाद किसी दूसरे राज्य में शपथग्रहण समारोह में भाग लेने पहुंचे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि वे अब बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में पूरी तरह से जुट गए हैं और एक बार फिर एनडीए में एकता दिखाने के लिए मुंबई पहुंचे हैं। दरअसल विपक्ष अक्सर सवाल उठाता रहा है कि नीतीश कुमार और भाजपा के बीच कुछ अनबन चल रहा है और यह वजह है कि नीतीश कुमार और भाजपा के नेता जल्दी एक मंच पर साथ नहीं आते हैं।
अब नीतीश कुमार ने मुंबई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लेकर विपक्षी दलों को यह दिखा दिया है कि वे पूरी तरह से एनडीए के हिस्सा हैं और एनडीए पूरी तरह से एकजुट है। इसका फायदा वह बिहार विधानसभा चुनाव में उठाने की कोशिश करेंगे और जनता को एक संदेश देने की कोशिश करेंगे कि एनडीए पूरी तरह से एकजुट है और आगे भी एकजुट ही रहेगा।
बीच बीच में नीतीश कुमार के इधर उधर जाने की बात को भी वे पहले भी कई मंचों से नकार चुके हैं और एक बार फिर यह दिखाने की कोशिश की है कि नीतीश कुमार और भाजपा के बीच सबकुछ ठीक है यानि ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे। और बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव भी दोनों पार्टी और एनडीए एकजुट हो कर ही चुनाव लड़ेंगे और राज्य के विकास के लिए एकसाथ काम करेंगे।