बिहार में बाढ़ की आफत के बीच सियासी खलबली क्यों?
दीपक कुमार तिवारी
पटना/नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक दिल्ली पहुंचे हैं। ये दौरा ऐसे समय पर हुआ है जब बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा एक दिन पहले ही बिहार के दौरे पर थे। जेपी नड्डा ने बिहार में बीजेपी नेताओं से मुलाकात की, लेकिन नीतीश कुमार से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अपने इस दिल्ली दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मिल सकते हैं। मगर, बिहार में बाढ़ की आफत के बीच सीएम नीतीश के दिल्ली दौरे से सियासी अटकलों का बाजार गर्म है। बताया जा रहा है कि बाढ़ की मुसीबत के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी देश से बाहर कहीं विदेश में हैं। इन सबके बीच सूचना ये भी है कि नीतीश कुमार के एक भरोसेमंद मंत्री भी देश से बाहर हैं।
दरअसल, आजसू प्रमुख सुदेश महतो पहले से ही दिल्ली में हैं और बीजेपी के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत कर रहे हैं। इसके अलावा, जेडीयू और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी भी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने अपने हालिया दिल्ली दौरे के बाद कहा था कि बिहार विधानसभा का चुनाव में लोकसभा के आधार पर टिकट का बंटवारा नहीं होगा। विधानसभा के लिए गठबंधन में अलग से फार्मूला बनेगा। कुशवाहा के इस बयान से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार दिल्ली में बीजेपी नेताओं से सीट शेयरिंग पर बात कर सकते हैं।
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को अचानक दिल्ली पहुंच गए। उनके इस दौरे के पीछे कई कयास लगाए जा रहे हैं, जिनमें स्वास्थ्य कारणों से लेकर राजनीतिक मुलाक़ातें शामिल हैं। हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
नीतीश कुमार के इस अचानक दौरे ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। कई राजनीतिक जानकार इसे हाल ही में हुए कुछ घटनाक्रमों से जोड़कर देख रहे हैं। शनिवार को ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पटना के दौरे पर थे, जहां उन्होंने पार्टी नेताओं के साथ बैठक की थी।
हालांकि, जेपी नड्डा और नीतीश के बीच मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद नीतीश का दिल्ली दौरा कई सवाल खड़े करता है। कुछ लोगों का कहना है कि नीतीश कुमार कैबिनेट और आयोग की नियुक्ति से जुड़े मामलों को सुलझाने के लिए दिल्ली गए हैं।
दिल्ली में नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि इस दौरान सीट शेयरिंग पर भी चर्चा हो सकती है, खासकर झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर।
राजद का कहना है कि बिहार में अभी तक उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई है। साथ ही, नीतीश सरकार लगातार आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के तबादले कर रही है। इसे राजद मध्यवर्ती चुनाव के संकेत के तौर पर देख रही है।
वहीं, बीजेपी और जेडीयू के बीच भी पिछले कुछ दिनों अच्छी तालमेल नहीं दिख रही है। कई मुद्दों पर दोनों दलों के बीच मतभेद हैं और कई मुद्दों पर दोनों का रुख अलग-अलग दिख रहा है। ऐसे में, नीतीश कुमार का ये दिल्ली दौरा काफी अहम माना जा रहा है।