नीतीश कुमार बिहार के साथ ही केंद्र में भी बिगाड़ेंगे बीजेपी के खेल!

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एनडीए में महाराष्ट्र में खेला कर रहे हैं शरद पवार, भतीजे के साथ ही एकनाथ शिंदे को भी ला रहे हैं साथ, जदयू 12, एलजेपी (रामविलास) 5, एनसीपी (अजित) 1 शिवसेना 7 जा सकते हैं इंडिया गठबंधन के साथ, अल्पमत में आ सकती है केंद्र सरकार

नीतीश के खेला करने के बाद चंद्रबाबू नायडू – 16, पवन कल्याण 2, आरएलडी 2 भी हो सकते है एनडीए से अलग 

चरण सिंह 
तो क्या गृह मंत्री अमित शाह ने वह गलती कर दी है जो गलती उन्होंने लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बाईपास कर यूपी में टिकट देकर कर दी थी। यूपी में योगी आदित्यनाथ की नाराजगी के चलते बीजेपी अपने दम पर केंद्र में सरकार नहीं बना पाई तो बिहार में नीतीश को छेड़ने का खामियाजा बीजेपी को न केवल बिहार बल्कि केंद्र में भी भुगतना पड़ सकता है।
दरअसल अमित शाह के एक निजी चैनल को इंटरव्यू देते हुए मुख्यमंत्री का निर्णय बीजेपी का संसदीय बोर्ड तय करने की बात कहने पर नीतीश कुमार की समझ में आ चुका है बीजेपी उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाने जा रही है। ऐसे में लालू प्रसाद के उनके लिए दरवाजे खुले रखने के बाद उनका मुस्करा कर जवाब दे देना मतलब उनका इंडिया गठबंधन में जाना तय माना जा रहा है। नीतीश कुमार ने इसके संकेत ये दे दिए हैं कि बिना पीएम मोदी और बिना दोनों डिप्टी सीएम के नीतीश सरकार के विज्ञापन प्रकाशित हो रहे हैं।
बीजेपी को यह समझ लेना चाहिए कि नीतीश कुमार पलटी मारकर बिहार की राजनीति ही प्रभावित नहीं करने जा रहे हैं बल्कि केंद्र में सहयोगी दलों की लंबी कतार भी उनके साथ मानी जा रही है। जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार कांग्रेस इस मिशन में लालू प्रसाद के साथ ही प्रियंका गांधी और शरद पवार लगे हैं। नीतीश कुमार के पलटी मारते ही महाराष्ट्र में अजित पवार और एकनाथ शिंदे भी शरद पवार के साथ आ सकते हैं। चिराग पासवान भी नीतीश कुमार के साथ माने जा रहे हैं।
दरअसल नीतीश कुमार को विपक्ष का चेहरा बनाया जा सकता है। यदि नीतीश कुमार फिर से विपक्ष को लामबंद करने में लगते हैं तो यह समझ लीजिये। बिहार के साथ ही महाराष्ट्र भी खेल करने के लिए टी तैयार बैठा है। महाराष्ट्र में अजित पवार अपने चाचा शरद पवार से मिलने जा रहे हैं। दिल्ली में उनके 11 प्रत्याशी चुनावी समर में उतारने का मतलब वह बीजेपी से नाराज है। एकनाथ शिंदे पहले से ही ठगे हुए महसूस कर रहे हैं। उनके चेहरे पर चुनाव लड़ा गया और मुख्यमंत्री बना दिया देवेंद्र फडणवीस को। उधर बिहार में चिराग पासवान भी उनके संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हुलास पांडे के घर पर ईडी के छापे से बहुत नाराज हैं।
12 सांसद नीतीश कुमार के तो 5 सांसद चिराग पासवान के ऐसे ही बिहार में 7 सांसद एकनाथ शिंदे के तो 1 सांसद अजित पवार का है। ऐसे में 25 सांसद बैठते हैं। केंद्र में एनडीए के 93 सांसद हैं।  ऐसे में यदि 25 सांसद कम  गए तो 68 सांसद रह जाएंगे। बीजेपी को बहुमत के लिए  272 सांसद चाहिए। ऐसे में केंद्र सरकार गिर सकती है। ऐसे में चंद्रबाबू नायडू 16 पवन कल्याण 2 जदयू एस 2 आरएलडी 2 ऐसे में 22 सांसद और कम कर दिए जाएं तो  246 सांसद रहे जाएंगे। मतलब नीतीश कुमार बीजेपी का खेल बिहार के साथ ही केंद्र भी बिगाड़ सकते हैं।
वैसे भी नीतीश कुमार ही वह नेता थे जिन्होंने विपक्ष की लामबंदी की थी। यदि नीतीश कुमार एनडीए में न जाते तो लोकसभा चुनाव में सीन कुछ और ही होता।

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