चरण सिंह
भले ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा रोक दी हो पर आज की तारीख में वह बीजेपी से बहुत नाराज बताए जा रहे हैं। नीतीश कुमार की समझ में आ चुका है कि बीजेपी अब उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाने जा रही है। जिस तरह से गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री का निर्णय संसदीय बोर्ड द्वारा तय करने का बयान एक निजी चैनल को इंटरव्यू देते हुए दिए।
जिस तरह से डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी की जयंती कार्यक्रम में कहा कि हम अपने दम पर जब सरकार बना लेंगे तब अटल बिहारी वाजपेई का सपना पूरा होगा। जिस तरह से पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने कह दिया की नीतीश कुमार के बिना भी हमारा काम चल जाएगा। जिस तरह से नीतीश कुमार के धुर विरोधी गिरिराज सिंह नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में नीतीश कुमार को बीजेपी अब मुख्यमंत्री नहीं बनाने जा रही है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि अब नीतीश क्या कदम उठाने जा रहे हैं ?
लालू प्रसाद ने अपने विश्वसनीय विधायक वीरेंद्र भाई से बयान दिलवा दिया है कि खेला हुआ है और होगा भी। परिस्थितियों के अनुसार राजनीति बदलती रहती है। नीतीश कुमार ज्यादा दिनों तक साम्प्रदायिक पार्टी में नहीं रह सकते हैं।
दरअसल 28 दिसंबर नीतीश कुमार की राजनीति में बड़ा महत्वपूर्ण है। पिछले साल नीतीश कुमार ने ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाकर खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए थे और अब जानकारी मिल रही है कि 28 दिस्मबर को वह इंडिया गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जब आम आदमी पार्टी कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने की बात कर रही है। जब ममता बनर्जी ने खुद इंडिया गठबंधन लीड करने की इच्छा जाहिर कर दी है।
लालू ने ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन की लीड करने का मौका देने की बात कह दी हो। ऐसे में जब ललन सिंह और संजय झा बीजेपी से सटे हैं। एनडीए की बैठक में नीतीश कुमार के न पहुंचने पर ललन सिंह बैठक में पहुंचे थे। ऐसे में नीतीश कुमार को अपने सांसदों की टूट का खतरा है। ऊपर से लालू प्रसाद तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। इसमें दो राय नहीं है कि लालू के साथ आने पर नीतीश कुमार एक बार फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं। अपना बुढ़ापा सेकुलर चेहरे के साथ काट सकते हैं। बीजेपी में भले ही उनको भारत रत्न मिल जाये पर सम्मान अब नहीं मिलने वाला है। एनडीए में आने के बाद लगातार उनको अपमान झेलना पड़ रहा है।