दिल्ली के एक कार्यक्रम में सोनिया गांधी ने ऐसे ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की तारीफ की थी। दिल्ली में ही अशोक होटल में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में वैसे तो सीटों के बंटवारे और संयुक्त संघर्ष, ईवीएम समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई पर प्रधानमंत्री पद का प्रस्ताव सबसे अधिक चर्चा में चल रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का प्रस्ताव इंडिया गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के रूप में किया गया पर वह चुनाव जीतने की बात कर टाल गए।
दरअसल इंडिया गठबंधन बीजेपी के ओबीसी कार्ड के जवाब में दलित कार्ड चलने की रणनीति बना रहा है। दलित चेहरे पर चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई जा रही है। मल्लिकार्जुन खड़गे को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाकर गठबंधन के नेताओं की रणनीति है कि बहुजन समाज पार्टी को भी गठबंधन में शामिल किया जाए। कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी की बसपा मुखिया मायावती से लगातार मंत्रणा चल रही है। दोनों नेताओं की कई बैठकें भी हो चुकी हैं। सपा रामगोपाल ने इस मुद्दे को बैठक में उठाया भी। उनका कहना था कि यदि बसपा के साथ किसी तरह का गठबंधन होता है तो फिर सपा को इसमें एतराज होगा। मल्लिकार्जुन खड़गे ने मामले को सँभालते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। मल्लिकार्जुन खड़गे को मायावती की काट भी माना जा रहा है।
दरअसल अशोका होटल में इंडिया गठबंधन की मीटिंग से पहले ही प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की बात उठ रही थी। बीजेपी नेता इंडिया गठबंधन में सभी दलों के नेताओं को पीएम पद का दावेदार बताते हुए एक नाम पर सहमति न बनने की बात कर रहे थे।
जानकारी मिल रही है कि टीएमसी नेता और प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम पीएम पद के लिए प्रस्तावित किया और आप संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने उनके प्रस्ताव का समर्थन कर दिया। गठबंधन के लगभग सभी दल उनके नाम पर सहमत नजर आये। हालांकि मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव जीतने की बात करते हुए मामले को टाल दिया। फिर भी मल्लिकार्जुन खड़गे का पीएम पद का उम्मीदवार बनना तय माना जा रहा है।
TMC की चीफ ममता बनर्जी के प्रस्ताव पर खड़गे ने कहा कि हमें चुनाव जीतने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, ”सभी लोग मिलकर काम करेंगे और सीट शेयरिंग को लेकर जिस राज्य में हमारे लोग हैं वो एक दूसरे से समझौता करेंगे। अगर समझौता नहीं बन सकता तो I.N.D.I.A गठबंधन के लोग निर्णय करेंगे। उनका कहना था कि सांसद नहीं हैं तो पीएम की बात का क्या फायदा? इसलिए हमें कोशिश करनी है पहले हम जीतकर आएं.” वहीं मीटिंग में शामिल रहे राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के चीफ जयंत चौधरी ने ममता बनर्जी के प्रस्ताव को लेकर कहा कि मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता। ऐसे में अभी इसको लेकर मैं ना ही हां कह और ना ही नहीं कह रहा हूं।
दरअसल ममता बनर्जी का यह प्रस्ताव चौंकाने वाला है क्योंकि टीएमसी और कांग्रेस बंगाल में धुर विरोधी मानी जाती है। इसकी झलकें दोनों दलों के नेताओं में देखी जाती रही है। यही नहीं इस प्रस्ताव के साथ ही साफ है कि ममता बनर्जी पीएम की रेस में खुद को नहीं देख रही हैं।
MDMK नेता वाइको ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम इंडिया गठबंधन के पीएम उम्मीदवार के रूप में प्रस्तावित किया था। जिसे बिना किसी विरोध के पास कर दिया गया। हालांकि पीएम फेस के सवाल पर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने चुप्पी साधने की बात सामने आई है।
मीटिंग के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि चौथी मीटिंग में 28 पार्टियों ने हिस्सा लिया। नेताओं ने अपने विचार गठबंधन के सामने रखे। लोगों के हित में सबको मिलकर अपना काम करना है या मुद्दे को उठाना है। पूरे देश में कम से कम 8-10 मीटिंग करने का फैसला हुआ है। वहीं खड़गे ने कहा कि पीएम कौन होगा इसका फैसला हम जीतने के बाद करेंगे। हमारा पहला काम है चुनाव जीतना, इसके बाद हम तय करेंगे।
मीटिंग में कौन-कौन शामिल हुआ?
दरअसल नई दिल्ली के अशोक होटल में आयोजित इंडिया गठबंधन की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, जेडीयू से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजीव रंजन सिंह, तृणमूल कांग्रेस से पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, डीएमके की ओर से तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, शिवसेना (यूबीटी) से उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की महबूबा मुफ्ती, अपना दल (के) से कृष्णा पटेल और पल्लवी पटेल और सहित कई अन्य नेता शामिल हुए।
दरअसल इससे पहले विपक्षी गठबंधन इंडिया की तीन बैठकें हो चुकी हैं। इसमें पहली मीटिंग बिहार के पटना में 23 जून को हुई थी, वहीं दूसरी मीटिंग बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई को हुई थी. इसके अलावा तीसरी बैठक मुंबई में 31 और 1 सितंबर को हुई थी।