चरण सिंह
गृह मंत्री अमित शाह जिस तरह से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घेराबंदी करा रहे हैं। जिस तरह से बीजेपी के नेता अभी से नीतीश कुमार को उप मुख्यमंत्री कहना शुरू कर दिए हैं। ऐसे में कहीं नीतीश कुमार अपने दम पर चुनाव लड़ने का निर्णय न ले लें। यदि ऐसा हुआ तो भले ही नीतीश कुमार का कुछ न बिगड़े पर बीजेपी के लिए जरूर दिक्कत आ खड़ी होगी। बीजेपी और आरजेडी दोनों ही पार्टियां को नीतीश कुमार घुटने पर ला डी देंगे। ऐसे में आरजेडी मुखिया लालू पर प्रसाद भी उनको अपने साथ मिला सकते हैं। अमित शाह का बिहार में चल रहा खेल कहीं उत्तर प्रदेश की तरह लोकसभा चुनाव वाला न हो जाए। जैसे अमित शाह लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को परेशान कर रहे थे। उनको अनदेखा कर टिकटों का बंटवारा कर रहे थे। ऐसे ही अब नीतीश कुमार के साथ कर रहे हैं।
तो क्या बीजेपी ने चुनाव से पहले ही नीतीश कुमार को उप मुख्यमंत्री बना दिया है ? क्या महाराष्ट्र की तरह खेला करने की बीजेपी की रणनीति पहले ही उजागर हो गई है। क्या बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल यूं ही नीतीश कुमार को उप मुख्यमंत्री बोल दिया है ?
दरअसल दिलीप जायसवाल कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने छपरा पहुंचे थे, जहां पर उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उपमुख्यमंत्री कह कर संबोधित किया। देखने की बात यह है कि जिस तरह से दिल्ली में जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने दही चूड़ा भोज दिया और उसमें गृह मंत्री अमित शाह विशेष रूप से पहुंचे तो नीतीश कुमार के सांसदों को तोड़ने की चर्चा को और हवा मिली। इधर नीतीश कुमार को बुलाकर दही चूड़ा दावत में खुद न पहुंचकर लोजपा (आर) के मुखिया चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा लेने की नीयत जाहिर कर दी। उधर हम के मुखिया जीतन राम मांझी ने 20 सीट मांगकर एक अलग राग छेड़ दिया है। मतलब बीजेपी खुद तो नीतीश कुमार की घेराबंदी कर ही रही है साथ ही बिहार के घटक दलों से भी उनकी घेराबंदी करा रही है।
बीजेपी की रणनीति नीतीश कुमार बखूबी समझ रहे हैं। यही वजह है कि वह लगातार बीजेपी और जदयू के सेकेण्ड लाइन के नेताओं से भी दूरी बनाकर रख रहे हैं। पटना में पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन चल रहा है और नीतीश कुमार खुद ही गायब हैं। वैसे तो प्रतिपक्ष नेता तेज़स्वी यादव भी नहीं पहुंचे हैं पर नीतीश कुमार के सम्मेलन में न पहुंचना चर्चा का विषय बना हुआ है। जब दिलीप जायसवाल का नंबर आया तो उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की जो डबल इंजन की सरकार है, साथ में जीतन राम मांझी जी और चिराग पासवान जी, उपेंद्र कुशवाहा जी, हम पांच पांडव हैं. महाभारत के पांच पांडव नीतीश कुमार जी और एनडीए की सरकार है. सामने कौरव की सेना है जो अराजकता और वंशवाद, परिवारवाद इन्हीं सब चीजों के लिए सरकार चलाना चाहती है।
दूसरी ओर अपने भाषण में दिलीप जायसवाल ने यह भी कहा कि 2005 के पहले का बिहार और आज के बिहार दोनों में जमीन आसमान का फर्क है। किसी के पास गांव में बिजली नहीं होती थी. बिजली होती भी थी तो पता नहीं कितने घंटे आती थी। तब लालटेन से लोग काम चलाते थे। अब लोगों ने लालटेन को तोड़ दिया। लालटेन को छोड़ दिया. लालटेन के बदले अब लोगों ने नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की बिजली को थाम लिया।