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नीतीश सरकार अब बेचेगी साग-सब्जी, सहकारिता विभाग का नया प्लान

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दीपक कुमार तिवारी 
पटना। बिहार के किसानों के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार जैविक खेती करने वाले किसानों की मदद के लिए आगे आई है। नीतीश सरकार ने फैसला किया है कि जैविक खेती करने वाले किसानों को उनके उत्पादों का बाजार मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए सहकारिता विभाग ने एक योजना बनाई है। इस योजना के तहत, विभाग राज्य में सब्ज़ी बूथ खोलेगा, जहां किसान अपनी उपज बेच सकेंगे।
पहले चरण में, पटना समेत प्रमुख शहरों में 15 बूथ खोले जाएंगे। यह एक तरह का ट्रायल होगा। अगर इन बूथों पर बिक्री बढ़ती है, तो आगे और भी बूथ खोले जाएंगे। सहकारी संघों के जरिए इन बूथों पर ताजी जैविक सब्जियां उपलब्ध कराई जाएंगी। बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि सचिवालय और अन्य 15 इलाकों में सब्जी बूथ खोलने की योजना है। इस बारे में जल्द ही फैसला लिया जाएगा। सरकार जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। इसी के तहत विभाग ने भी जैविक सब्ज़ियों की बिक्री को बढ़ावा देने का फैसला लिया है।
जैविक खेती में लागत ज़्यादा आती है। इसलिए जैविक सब्जियों का दाम भी ज्यादा होता है। लेकिन बाजार में सस्ती सब्जियां आसानी से मिल जाती हैं। इसलिए किसानों को अपनी जैविक उपज बेचने के लिए स्थानीय स्तर पर बाजार नहीं मिल पाता है। मजबूरन उन्हें अपनी उपज कम दाम पर ही बेचनी पड़ती है। सब्जी बूथों के जरिए किसानों को जैविक सब्जियों का उचित दाम दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
आज कल लोग ऑनलाइन भी सब्जियां खरीद रहे हैं। मार्ट से लोग सब्जी खरीद सकते हैं। मार्ट से कई होटल, इस्कॉन मंदिर जैसी संस्थाएं सब्जी खरीद रही हैं। सामान्य दिनों में तरकारी मार्ट के जरिए रोजाना 75 हजार से एक लाख रुपये तक की सब्जी बिक रही है। वेजफेड के जरिए वर्ष 2019 से अब तक 74251 टन सब्जी बेचकर 130 करोड़ रुपये से अधिक का टर्नओवर हुआ है।
इससे पहले, राजधानी में कृषि विभाग के उद्यान निदेशालय की ओर से सब्जी बिक्री केंद्र खोला गया था। पंत भवन में इसकी दुकान थी। यहां सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की मदद से सब्जी बेची जा रही थी। यह योजना सफल नहीं हुई तो विभाग ने इसे फ्रेंचाइजी को दे दिया। अभी यह दुकान नहीं खुलती है।