मुख्य आरोपी शाकिर हिन्दू महिलाओं का इस्तेमाल करने के लिए हिन्दू बन गया था
गत वर्ष मार्च में हिन्दू महिला का अपहरण कर बुलंदशहर में हत्या कर शव खेत में फेंकने के मामले में गिरफ्तार किये गये मोहम्मद शाकिर अली और फैज अहमद से पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं।
नई दिल्ली। विगत वर्ष मार्च में हिन्दू महिला का अपहरण कर बुलंदशहर में हत्या कर शव खेत में फेंकने के मामले में गिरफ्तार किेय गये मोहम्मद शाकिर अली ओैर फैज अहमद से पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हंै। मुख्य आरोपी शाकिर हिन्दू महिलाओं का इस्तेमाल करने के लिए हिन्दू बन गया था। उसने अपना नाम राजेश रख लिया था और राजेश नाम से एसडीएम कार्यालय से मतदाता पहचान पत्र और पैन कार्ड भी बनवा लिया था। फर्जी कागजातों के जरिये उसने कर्ज पर स्कूटी और बैलेनो कार खरीदी थी। इसकी किस्त भी उसने नहीं दी थी और चोरी की झूठी एफआईआर दर्ज करा दी थी ताकि उसे कर्ज न चुकाना पड़े।
पुलिस सूत्रों के अनुसार वह सीरियल किलर और ठग चार्ल्स शोभराज पर आधारित फिल्म देखकर प्रभावित हुआ था। इसके बाद उसने तीन चार हिन्दू महिलाओं से नजदीकियां बढ़ाई थीं और उनसे रुपये ऐंठता था। पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपी कई वेश्याओं के संपर्क में भी रहा है और वह उनके साथ दलाल के दौर पर काम करता था। पुलिस इस बिंदू पर भी जांच कर रही है कि कहीं उसने अन्य महिलाओं की हत्या तो नहीं की है।
फ्लैट पर कब्जा करने के लिए की थी सुशीलावती की हत्या
शाकिर ने राजेश बनकर पूर्वी दिल्ली के जीटीबी एनक्लेव में रहने वाली सुशीलावती से संपर्क किया था। उसने सुशीलावती के फ्लैट को किराये पर ले लिया था। वह वहां पर अपनी मां, दो बेटो और एक बेटी के साथ रह रहा था। सुशीलावती ने नजदीकियां बढ़ाकर शाकिर ने 25 लाख में उनका फ्लैट खरीदने की बात की। बाद में महज डेढ़ लाख रुपये देकर महिला से उसके फ्लैट का कब्जा ले लिया था। खुद का घर होने के बावजूद महिला को किराये के मकान में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। पीड़िता ने जब पैसे देने का दबाव बनाया तो उसने महिला की हत्या करने की साजिश रची।
साजिश के तहत आरोपी विगत तीन मार्च को फ्लैट का पूरी भुगतान करने के बहाने सुशीलावती को कार में बैठाकर बुलंदशहर ले गया। इस दौरान उसका दोस्त फैज अहमद भी साथ था। दोनों ने सुशीलावती को रास्ते में नशीला पदार्थ पिलाया और बुलंदशहर के चोला क्षेत्र के खेत में सुशीलावती को गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद वे शव को वहीं छोड़कर फरार हो गये। शव बरामद होने पर इस मामले में चोला थाने में विगत १२ मार्च को हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई थी लेकिन शिनाख्त नहीं हो पाई थी, जिसके बाद पुलिस ने अंतिम संस्कार करा दिया था।
भाई ने दर्ज कराई थी अपहरण की एफआईआर
सुशीलावती दयालपुर अकेली रहती थी। उनके पति विनोद कुमार उनसे अलग रहते हंै। सुशीलावती की जहांगीरपुरी और भलस्वा में भी संपत्ति थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी सुशीलावती की अन्य संपत्ति पर भी कब्जा करना चाहते थे। सुशीलावती के गायब होने के नौ माह बाद उनके भाई चेतन ने अदालत के जरिये पूर्वी दिल्ली के दयालपुर थाने में विगत 12 दिसंबर को अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था।
कार चोरी की एफआईआर से हुई गिरफ्तारी
आरोपी ने कर्ज पर ली गई कार व स्कूटी की चोरी की एफआईआर दर्ज कराई थी, जिस पर उत्तरी जिला पुलिस का स्पेशल स्टाफ काम कर रहा था। विगत 16 जनवरी को पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग चोरी की स्कूटी और कार पर घूम रहे हैं। ऐसे में पुलिस ने यमुनापार में खजूरी खास इलाके में छापेमारी कर शाकिर और फैज को गिरफ्तार कर लिया था। इनसे पूछताछ में सुशीलावती की हत्या का मामला सामने आया है।
आरोपी पर दर्ज हंै पहले से कई मामले
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुख्य आरोपी मोहम्मद शाकिर गाजियाबाद के डीएलएफ भोपुरा का रहने वाला है। उस पर लक्ष्मी नगर थाने में एक आपराधिक मामला दर्ज है। वहीं फैज अहमद पर बिजनौर जिले में तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।