आरजेडी ने मांगा रेल मंत्री का इस्तीफा
दीपक कुमार तिवारी
नई दिल्ली/पटना | नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि 15 लोग घायल हैं। रेलवे ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है, लेकिन इस हादसे के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पर हमला बोल दिया है।
आरजेडी का हमला: इस्तीफे की मांग
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस भगदड़ को डबल इंजन सरकार की लापरवाही करार दिया। वहीं, लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, “इस हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए अश्विनी वैष्णव को पद छोड़ देना चाहिए।”
नीतीश कुमार का पुराना वीडियो वायरल:
इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 1999 का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उस साल गैसाल रेलवे हादसे में करीब 290 लोगों की मौत हुई थी। तब नीतीश कुमार रेल मंत्री थे और उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था। वीडियो में नीतीश कुमार कहते नजर आ रहे हैं,
“इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद मैं कैसे रेल मंत्री बना रह सकता हूं? मेरा मन मुझे इसकी इजाजत नहीं देता।”
क्या इतिहास खुद को दोहराएगा?
भारत में रेल हादसों के बाद इस्तीफे देने की परंपरा रही है।
1956: तमिलनाडु रेल हादसे के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया था।
2000: रेल मंत्री ममता बनर्जी ने दो रेल हादसों के बाद इस्तीफा दिया, हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी ने उसे अस्वीकार कर दिया।
2017: रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दो ट्रेन हादसों के बाद इस्तीफा दे दिया था।
अब सवाल उठ रहा है कि क्या रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी इस परंपरा को निभाएंगे या मोदी सरकार उन्हें बचाने का प्रयास करेगी?
बीजेपी ने विपक्ष पर साधा निशाना:
वहीं, बीजेपी ने विपक्ष के आरोपों को सियासी ड्रामा करार दिया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तब रेलवे में कितनी गड़बड़ियां हुईं, यह सबको पता है। आरजेडी का इस्तीफे की मांग करना हास्यास्पद है।”
अब देखना यह होगा कि इस हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पर क्या कोई कार्रवाई होती है या यह मामला सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी तक ही सीमित रहेगा।