नायाब सिंह सैनी की दूसरी पारी : ग्रहों का संकेत ?

0
205
Spread the love

बी कृष्णा

पंचकुला के दशहरा ग्राउंड में 17 अक्टूबर 2024 को दिन के 1 बजकर 21 मिनट में नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की| जहाँ यह हरियाणा में भाजपा की तीसरी बार ऐतिहासिक जीत है वहीं नायब सिंह सैनी का राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में यह दूसरा कार्यकाल है| यह जीत कितना विशिष्ट और महत्वपूर्ण है, इसे ज्योतिष की नज़र से देखने का प्रयास करते हैं|
गुरुवार को हर्षण योग में लिए गए शपथ ग्रहण के समय के अनुसार बनने वाली कुंडली मकर लग्न की है| द्वितीय भाव में में शनि, तृतीय भाव में चंद्र, राहु, पंचम भाव में वक्री गुरु, छठे भाव में मंगल, नवम भाव में केतु, दशम भाव में बुध, सूर्य तथा एकादश भाव में शुक्र विराजमान है|
कुंडली की मजबूत कड़ी है- गुरुवार, हर्षण योग, वर्गोत्तम लग्न, वर्गोत्तम चंद्र एवं वर्गोत्तम सूर्य तथा मंगल| केंद्र एवं त्रिकोण में बुध तथा गुरु की उपस्थिति| द्वितीय भाव में द्वितीयेश की उपस्थिति एवं नवमेश का दशम के साथ संबंध|
कुंडली की कमजोर कड़ी है- चंद्र का सर्प द्रेष्कोण एवं विष नवांश में होना| शुक्र का मृत्यु भाग में होना|
दशमेश का मृत्युभाग में होना एवं अष्टमेश का दशम भाव में होना कमजोड़ कड़ी एवं मजबूत कड़ी दोनों है|
कुछ महत्वपूर्ण संकेत निम्नांकित हैं-
राज्य आर्थिक विकास के पथ पर गतिशील होगा| इस गतिशीलता को बल प्रदान करने के लिए पहले से निर्धारित नीतियों का समय समय पर अवलोकन, निरिक्षण, परिक्षण करके उन्हें परिष्कृत करने का कार्य न सिर्फ किया जायेगा अपितु उन्हें परिवर्तित भी किया जायेगा| पूरी तरह से कहें तो PARADIGM SHIFT एवं Multifaced Strategy का संकेत है|
शिक्षा एवं रोजगार सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में से एक प्राथमिकता रहेगी| कौशल विकास के लिए राज्य में नए संस्थानों की नींव रखी जाएगी|
चंद्र का सर्प द्रेषकोण एवं विष नवांश में होकर तृतीय भाव में होना यह संकेत दे रहे हैं कि बिगड़ता सामाजिक ताना बाना तथा लोगों की मनोदशा को विकृत होने से बचाना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी|
सहयोगियों के साथ अंतर्संबंध बनाये रखना भी इनके लिए चुनौती भरा होगा|
नवम भाव का राहु केतु अक्ष में होकर मंगल तथा द्वादशेश से दृष्ट होना,राज्य के अंदर धर्मांतरण की जड़ों को फैलने से रोकना भी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी|
द्वितीय भाव में वक्री शनि का होना तथा चंद्र का कमजोर होना, नशा मुक्ति,तीसरी बड़ी चुनौती सरकार के लिए होगी|
मंगल की छठे भाव में उपस्थिति, बॉर्डर पर चाक चौबंद आक्रामक प्रबंध किये जाने का संकेत दे रहे हैं|
दशमेश का मृत्युभाग में होना एवं अष्टमेश का दशम भाव में होना जहाँ प्रदेश में सरकार विरोधी षड्यंत्रों में तेजी आने का संकेत दे रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सरकार द्वारा प्रदेश को प्रगति के पथ पर गतिशीलता प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने पर सुधारवादी प्रयास किये जायेंगे का भी संकेत दे रहे हैं|
द्वादशेश एवं दशमेश की युति एक बहुत ही महत्वपूर्ण संकेत दे रही है और वह यह कि केंद्र के साथ लयात्मक संबंध रहेगा| केंद्र से सीख लेकर उसे वातानुकूल बनाकर प्रदेश में लोगों को विकृत होती मानसिकता से निकालकर लाने में यह सरकार सक्षम होगी|
[नोट- इन संकेतों को मुख्यमंत्री की कुंडली तथा हरियाणा प्रदेश की कुंडली के साथ मिलाकर देखा जाना चाहिए|]
(लेखिका ज्योतिषी, योग और आध्यात्मिक चिंतक हैं)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here